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कोलकाता के उत्तर क्षेत्र स्थित नब ब्रिंदाबन मंदिर में 22 अक्टूबर 2025 को श्रद्धालुओं ने बड़े हर्षोल्लास के साथ अन्नकूट महोत्सव या गोवर्धन पूजा मनाई। दीपावली के अगले दिन मनाए जाने वाले इस पर्व पर भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण को धन्यवाद स्वरूप सैकड़ों प्रकार के शाकाहारी व्यंजन अर्पित किए। (Express Photo by Partha Paul)
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गोवर्धन पूजा का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से वृंदावनवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाया था। कथा के अनुसार, इंद्रदेव ने क्रोधित होकर ब्रज पर मूसलधार वर्षा करनी शुरू कर दी थी। (Express Photo by Partha Paul) -
तब भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों और गौवंश की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया। वे सात दिनों तक पर्वत को थामे रहे, बिना अन्न-जल ग्रहण किए, ताकि ब्रजवासी और गौवंश सुरक्षित रहें। (Express Photo by Partha Paul)
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सातवें दिन जब वर्षा रुकी और संकट समाप्त हुआ, तब माता यशोदा और ब्रजवासी यह जानकर बहुत चिंतित हुए कि उनके नन्हे कृष्ण ने सात दिनों तक कुछ नहीं खाया। इस कृतज्ञता और प्रेम के भाव से ब्रजवासियों ने सात दिनों के आठ पहरों के अनुसार कुल 56 व्यंजन तैयार किए। (Express Photo by Partha Paul)
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इसी स्मृति में हर वर्ष दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। भक्त इस दिन अन्नकूट का प्रसाद तैयार करते हैं, जिसमें तरह-तरह के व्यंजन, मिठाइयां और फल शामिल होते हैं। (Express Photo by Partha Paul)
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भक्ति और स्वाद का संगम
नब ब्रिंदाबन मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर को फूलों, दीपों और रंगोली से सजाया गया था। भव्य सजावट के बीच भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा का पूजन किया गया। भक्तों ने भक्ति संगीत और कीर्तन के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया। (Express Photo by Partha Paul) -
भक्तों ने कई प्रकार के शाकाहारी व्यंजन तैयार किए, जिनमें खीर, पूरी, सब्जियां, मिठाइयां और फल शामिल थे। पूजा के बाद इन व्यंजनों को सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। (Express Photo by Partha Paul)
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भक्तों में उत्साह
इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ बाहर से आए भक्तों ने भी भाग लिया। सभी ने भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष कृतज्ञता और संरक्षण की भावना से अन्नकूट अर्पित किया। कई भक्तों ने इस पल को कैमरे में कैद किया, जिससे मंदिर में उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया। (Express Photo by Partha Paul) -
दिवाली के बाद भक्तिभाव का पर्व
दीपावली के बाद मनाया जाने वाला अन्नकूट पर्व इस बात की याद दिलाता है कि जीवन में प्रकृति, अन्न और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना कितना महत्वपूर्ण है। नब ब्रिंदाबन मंदिर में मनाया गया यह पर्व न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि सामूहिक भक्ति और एकता का सुंदर उदाहरण भी बना। (Express Photo by Partha Paul)
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