-
भारत में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो आपको हैरत में डाल सकते हैं। कोई अपने इतिहास से तो कोई अपनी वास्तुकला से लोगों का मन मोह लेता है। कुछ ऐसे मंदिर हैं जो समुद्र के किनारे या तट के पास स्थित है। इन्हीं में से एक गंगेश्वर महादेव मंदिर।
-
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर गुजरात के फुदम गांव में दीव से 3 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर को गुजरात के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। शिव जी का यह एक ऐसा मंदिर है जिसका अभिषेक खुद समुद्र करता है।
-
दरअसल, समुद्र के किनारे चट्टानों के बीच स्थित यह एक गुफा मंदिर है। यहां हर दो सेकंड में समुद्र की लहरें शिवलिंग से टकराती हैं और फिर ये लहरें वापिस समुद्र में मिल जाती हैं। इस दौरान का नजारा काफी मनोरम दिखता है।
-
मंदिर में भगवान गणेश, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी मूर्ति मौजूद है। इस मंदिर के आसपास का वातावरण इतना शांत है कि जब भी कोई इस मंदिर के प्रांगण में प्रवेश करता है तो उसे समुद्र की लहरों की आवाज साफ-साफ सुनाई देती है।
-
ऐसा माना जाता है कि 5 पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की थी। जिसके बाद महादेव ने प्रत्येक पांडव भाई को शिवलिंग के रूप में दर्शन दिए थे।
-
कहा जाता है कि यह पांचों शिवलिंग स्वयंभू हैं। इस सभी शिवलिंग के सामने नंदी की मूर्ति भी थी। पांडवों ने अमावस्या की रात को इन पांचों लिंगम को चौकोर स्थल पर स्थापित कर दिया था।
-
अरब सागर के तट पर स्थित इस मंदिर के नाम को लेकर मान्यता है क गंगेश्वर भगवान शिव का एक नाम है जो गंगा माता को अपनी जटा में धारण करने पर मिला, इसलिए इस मंदिर को गंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
-
इस मंदिर में पांच शिव लिंग है इसलिए यह मंदिर पंच शिव लिंग के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को सीशोर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
(Photos Source: diu.gov.in)
(यह भी पढ़ें: स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स जैसे दिग्गज अरबपतियों ने कम उम्र में ही दुनिया में लहराया अपना परचम, मार्क जुकरबर्ग की उम्र कर देगी हैरान)