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क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में कोई ऐसा देश हो सकता है, जहां का कैलेंडर हमारे कैलेंडर से 7 साल पीछे चलता हो? यह सुनकर शायद आपको यकीन न हो, लेकिन दुनिया में एक ऐसा अनोखा देश है, जहां समय से सात साल पीछे चलने वाली एक अजीबोगरीब परंपरा है। हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी देश इथियोपिया की। (Photo Source: Pexels)
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जब दुनिया भर में 2025 का साल आधा बीत चुका है, इथियोपिया के लोग अभी भी 2017 में ही जी रहे हैं। यह सुनकर थोड़ी हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है। इस अनोखे समय व्यवस्था के पीछे इथियोपिया का गीज़ कैलेंडर है, जो बाकी दुनिया के ग्रेगोरियन कैलेंडर से सात साल पीछे चलता है। (Photo Source: Pexels)
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गीज़ कैलेंडर
इथियोपिया में जो कैलेंडर इस्तेमाल होता है, उसे गीज़ कैलेंडर कहते हैं, जिसे कभी कॉप्टिक कैलेंडर भी कहा जाता है। इस कैलेंडर के मुताबिक, हर साल 13 महीने होते हैं, जबकि बाकी दुनिया में केवल 12 महीने होते हैं। यहां तक कि इन 13 महीनों के शुरुआती 12 महीनों में 30-30 दिन होते हैं, और अंतिम महीने, जिसे ‘पैग्यूम’ (Pagume) कहा जाता है, में 5 या 6 दिन होते हैं, जो लीप ईयर में बदलते हैं। (Photo Source: Pexels)
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कैलेंडर में यह अंतर क्यों?
इथियोपिया का कैलेंडर सात साल पीछे क्यों चलता है, इसका कारण है ईसा मसीह के जन्म की तारीख की गणना का अंतर। दुनिया भर के अधिकांश देशों में ईसा मसीह का जन्म 1 ईस्वी में माना जाता है, जबकि इथियोपिया की ऑर्थोडॉक्स चर्च के अनुसार, उनका जन्म 7 ईसा पूर्व में हुआ था। यही कारण है कि इथियोपिया का कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर से सात से आठ साल पीछे चलता है। (Photo Source: Pexels) -
इथियोपिया का नया साल और त्योहार
इथियोपिया में नया साल 11 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि लीप ईयर में यह 12 सितंबर को होता है। यह समय बारिश के मौसम के अंत और फूलों के खिलने का होता है, जो एक नई शुरुआत का प्रतीक है। इसके अलावा, यहां क्रिसमस 25 दिसंबर की बजाय 7 जनवरी को मनाया जाता है। इन त्योहारों की तिथियां पूरी तरह से गीज़ कैलेंडर के आधार पर तय होती हैं। (Photo Source: Pexels)
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सांस्कृतिक पहचान
इथियोपिया का कैलेंडर सिर्फ समय गिनने का तरीका नहीं है, बल्कि यह देश की गहरी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। इथियोपिया अफ्रीका का एकमात्र देश है जिसे कभी किसी यूरोपीय ताकत ने उपनिवेश नहीं बनाया। यही कारण है कि इसकी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं आज भी ज्यों की त्यों जीवित हैं। गीज़ कैलेंडर सिर्फ एक टाइम-ट्रैकिंग सिस्टम नहीं, बल्कि इथियोपिया की संस्कृति, धर्म और गर्व का प्रतीक है। (Photo Source: Pexels) -
दो कैलेंडरों का इस्तेमाल
हालांकि, वैश्विक स्तर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग होने के कारण, इथियोपिया के लोग दोनों कैलेंडरों का उपयोग करते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार, शिक्षा और सरकारी कामकाज में ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल होता है, जबकि धार्मिक गतिविधियों के लिए गीज़ कैलेंडर का पालन किया जाता है। (Photo Source: Pexels) -
पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव
इथियोपिया का कैलेंडर पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है। वहां पहुंचकर, लोग न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन चर्चों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि एक ऐसे समय में जी सकते हैं जो बाकी दुनिया से पूरी तरह अलग है। कई इथियोपियाई लोग दोनों कैलेंडरों का उपयोग करते हैं, जिससे पर्यटकों को खास असुविधा नहीं होती है। (Photo Source: Pexels)
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इथियोपिया की यात्रा का विशेष अनुभव
इथियोपिया की यात्रा न केवल एक सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव देती है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक यूनिक डेस्टिनेशन है। यहां के जंगल, वाइल्ड लाइफ और हिस्टोरिकल साइट्स पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। (Photo Source: Pexels) -
मानव इतिहास का प्रारंभ बिंदु
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अफ़ार क्षेत्र में खोजे गए लूसी नामक 3.2 मिलियन वर्ष पुराने कंकाल ने यह प्रमाणित किया कि यह धरती मानव इतिहास के आरंभ का स्थान हो सकती है। इसलिए इसे “मानवता की जन्मभूमि” भी कहा जाता है। (Photo Source: Pexels) -
धार्मिक आस्था और खानपान
देश में रूढ़िवादी ईसाई धर्म का बोलबाला है और उपवास का विशेष महत्व है। उपवास के दौरान लोग मांस, अंडा, दूध जैसे पशु उत्पादों का त्याग करते हैं। नतीजन, इथियोपिया के रेस्तरां में स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन आमतौर पर मिलते हैं। (Photo Source: Pexels)
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