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मिस्र के छात्रों ने एक कार बनाई है जो हवा से चल सकती है। छात्रों के समूह का कहना है कि उनके द्वारा बनाई गई यह कार बढ़ती ईंधन की कीमतों से लड़ेगी और साफ-सुथरी ऊर्जा को बढ़ावा देगी क्योंकी यह हवा के अलावा किसी और चीज से नहीं चलती है। मिस्र के ग्रेटर काहिरा स्थित हेलवान विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट के तौर पर इस कार को बनाया है। छात्रों ने इसके प्रोटोटाइप को भी दिखाया। फिलहाल कार में एक आदमी बैठ सकता है और यह कंप्रेस्ड ऑक्सीजन से चलती है। छात्रों का कहना है कि यह कार 40 किलोमीटर प्रतिघंटे के रफ्तार से दौड़ सकती है और एक बार कंप्रेस्ड ऑक्जीन का ईंधन लेने पर 30 किलोमीटर तक का सफर कर सकती है। छात्रों का दावा है कि वे ऐसी कार भी बना सकते हैं जो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और एक बार की कंप्रेस्ड ऑक्सीजन उसे 100 किलोमीटर तक ले जाएगी। (सभी तस्वीरें REUTERS से)
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इस कार को बनाने में बहुत कम लागत आई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस कार को महज 18000 इजिप्शियन पाउंड यानी करीब 70 हजार रुपये की लागत में तैयार किया जा सका।
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कार बनाने में शामिल रहे एक छात्र महमूद यास्सेर ने मीडिया को बताया, ''कार की ऑपेशनल लागत न के बराबर है। आप मूल रूप से कम्प्रेस्ड हवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप ईंधन के लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं और आपको इसे ठंडा रखने की भी जरूरत नहीं है।''
टीम अब परियोजना का विस्तार करने और वाहनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए धन जुटाने की तलाश में है। गो-कार्ट जैसी दिखने वाली यह कार ऐसे समय में आई है जब मिस्र दर्दनाक आर्थिक सुधारों से आगे बढ़ रहा है, जिसमें ऊर्जा सब्सिडी में गहरी कटौती शामिल हैं और जिसके उपाय 2016 में शुरू हुए अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के तीन साल के 12 बिलियन डॉलर के ऋण कार्यक्रम से जुड़े हैं। -
अब तक हवा से चलने वाली कार को लेकर लोग सपना देख रहे थे लेकिन इसे हकीकत में सड़कों पर दौड़ते हुए देखा जाएगा।
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छात्रों के प्लान के हिसाब से कारें तैयार की जा सकीं तो भारत जैसे देश, जहां वाहनों के कारण प्रदूषण का कोप जनता को झेलना पड़ता है, वहां इन कारों की खासी अहमियत होगी।
