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दुनिया भर में हर देश और संस्कृति में अभिवादन करने के अलग-अलग तरीके हैं। कहीं हाय-हैलो कहा जाता है, तो कहीं हाथ मिलाने या गले लगने का रिवाज है। लेकिन भारत में सदियों से अपनाया गया हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ करने का तरीका दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखता है। (Photo Source: Pexels)
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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत के अलावा एक और देश है, जहां ‘नमस्ते’ को उसी भाव और परंपरा के साथ अपनाया गया है। दरअसल, यह अपना पड़ोसी देश ‘नेपाल’ है, जो भारत का पड़ोसी और सांस्कृतिक रूप से गहराई से जुड़ा हुआ है। (Photo Source: Pexels)
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नेपाल में भी लोग अभिवादन के लिए हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ कहते हैं। नेपाली भाषा में भी ‘नमस्ते’ का अर्थ और भावना वही है जो भारत में है। जब लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, तो वे अपने हाथ जोड़कर झुकते हुए इस शब्द का प्रयोग करते हैं। (Photo Source: Pexels)
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नेपाल में हिंदू धर्म का बड़ा प्रभाव है। 2021 की जनगणना के अनुसार, नेपाल की 81.19% आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है। यहां की संस्कृति भारतीय संस्कृति से बहुत मिलती-जुलती है। (Photo Source: Pexels)
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नेपाल में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में भारतीय लोग निवास करते हैं। लगभग 6 लाख भारतीय नेपाल में रहते हैं। नेपाल के त्यौहार, परंपराएं और भाषाई जुड़ाव इसे भारत के करीब लाते हैं। (Photo Source: Pexels)
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आज जहां दुनिया के कई देशों में ‘हैलो’ और ‘हाय’ जैसे शब्दों का प्रचलन बढ़ गया है, वहीं भारत के साथ-साथ नेपाल ने भी इस परंपरा को जीवित रखा है। यहां आज भी लोग हाथ जोड़कर नम्रता से ‘नमस्ते’ कहते हैं। (Photo Source: Pexels)
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आपको बता दें, ‘नमस्ते’ कहने के दौरान हाथ जोड़ने की मुद्रा को ‘अंजलि मुद्रा’ कहा जाता है, और इसे शरीर, मन और आत्मा के मिलन का प्रतीक माना जाता है। यह केवल एक अभिवादन नहीं, बल्कि सामने वाले व्यक्ति के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करने का तरीका है। (Photo Source: Pexels)
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