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सोने के गहने खरीदने से पहले उसे देखती एक महिला ग्राहक। (फाइल फोटो)
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सोने के लिए बीआईएस 916 हॉलमार्क को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शुद्धता का पैमाना माना जाता है जिसमें यह गारंटी होती है कि सोना 91.6 प्रतिशत खरा है यानी 22 कैरट है। सोना खरीदने से पहले हॉलमार्क, कैरेट मार्क आदि के बारे में ठीक से पढ़ना चाहिए। खरीदारी करते समय रिटर्न पॉलिसी और प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता भी समझनी चाहिये।
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भारत में सोने को ग्राम में तौला जाता है। जहां तक सोने के रंग की बात है तो पीला सोना बेहद प्रचलित है, लेकिन आप व्हाइट रोज और भूरे, हरे और नीले रंगों में भी सोने के आभूषण तैयार करवा सकते हैं।
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अगर आप असली और नकली गोल्ड की पहचान करना चाहते हैं तो एसिड टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए गोल्ड के आभूषण को पिन से थोड़ खरोच लें। उस खरोच पर नाइट्रिक एसिड की एक बूंद डाल दें। यदि सोना नकली हुआ तो तुरंत हरे रंग में बदल जाएगा, वहीं असली सोने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
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नकली सोने की पहचान करने के सबसे आसान तरीका चुंबक भी है। बता दें कि असली सोना चुंबक पर नहीं चिपकता, और यदि उसमें थोड़ी सी भी मिलावट हुई तो यह चुंबक की और आकर्षित होने लगेगा। हालांकि ध्यान रहे कि जिस चुंबक का आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह स्ट्रॉन्ग होनी चाहिए।
