-
छठ महापर्व की तैयारी में पूरे देश में धूमधाम से बाजार सज चुके हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाए जाने वाले इस चार दिवसीय पर्व को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। (ANI Photo)
-
शहरों और कस्बों के बाजारों में छठ पूजा से संबंधित सामग्रियों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। सूप, दौरा, गन्ना, केले, नारियल, और अन्य पूजन सामग्री की बिक्री जोरों पर है। (PTI Photo)
-
बाजारों में छठ पूजा के अर्घ्य में आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी के लिए खास दुकानें सजाई गई हैं। व्रती और उनके परिवारजन ये सभी सामग्री लेकर छठ पूजा के लिए अपने घरों और घाटों की तैयारी में जुट गए हैं। (ANI Photo)
-
छठ पूजा में सूर्यदेव की उपासना का खास महत्व होता है और इस पूजा के दौरान व्रत करने वाले लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार अनेक प्रकार की सामग्रियों का उपयोग करते हैं। (PTI Photo)
-
छठ पर्व को लेकर बाजारों में इस समय चहल-पहल का माहौल है। इन तस्वीरों में पटना, गाजियाबाद, कोलकाता, गुरुग्राम और अन्य शहरों के प्रमुख बाजारों में लोग पूजा सामग्रियों की खरीदारी करते देखे जा सकते हैं। (PTI Photo)
-
बाजारों में बिक रही पूजा सामग्रियों के साथ ही महिला व्रती भी अपने परिवार के साथ सामग्रियों की खरीदारी में लगी हुई हैं। विशेष रूप से बांस से बने सूप और दउरा की खरीदारी का जोर है, जो सूर्यदेव को अर्घ्य देने में उपयोग होते हैं। (PTI Photo)
-
बता दें, छठ पूजा में विशेष रूप से बांस से बनी वस्तुओं का उपयोग होता है। इनमें सूप और दौरा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनमें व्रती अर्घ्य देने के लिए फलों, ठेकुआ, और अन्य प्रसाद सामग्रियों को सजाते हैं। (PTI Photo)
-
पूजा के समय सूर्यदेव को अर्घ्य देने में बांस के सूप का उपयोग अनिवार्य माना जाता है, और इसे पूजा की संपूर्णता का प्रतीक माना जाता है। छठ पर्व की विशेषता यह है कि इसमें प्रकृति और सूर्य की उपासना की जाती है, जो मान्यता अनुसार श्रद्धालुओं को सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। (ANI Photo)
-
नहाय-खाय से शुरू होकर यह महापर्व चार दिनों तक चलेगा। बता दें, 5 नवंबर यानी की आज नहाय खाय हे। इस वर्ष 2024 में छठ पूजा का महापर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा। षष्ठी तिथि 7 नवंबर को उदया तिथि के अनुसार मनाई जाएगी, जब शाम के समय सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। अगले दिन 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। (PTI Photo)
(यह भी पढ़ें: रेलवे की तरह मेट्रो ट्रैक पर क्यों नहीं बिछी होती गिट्टियां?)
