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दक्षिणी मुंबई में एक रेलवे स्टेशन के पास बृहस्पतिवार शाम पैदल पार (फुट ओवर) पुल का बड़ा हिस्सा ढह जाने से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 36 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रसिद्ध सीएसएमटी स्टेशन के पास स्थित इस पुल को आम तौर पर ‘कसाब पुल’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान आतंकवादी इसी पुल से गुजरे थे। पहले उन्होंने सीएसटी रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बनाया और फिर इसी ब्रिज के सहारे वह होटल ताज तक पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे थे। इस घटना में अजमल कसाब मुख्य आरोपी था। आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अधिकारी ने बताया कि सभी घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में ले जाया गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब पुल ढहा तब पास के सिग्नल पर लाल बत्ती के चलते ट्रैफिक रुका हुआ था और इसी कारण ज्यादा मौतें नहीं हुई। वहीं अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आज सुबह पुल पर मरम्मत कार्य चल रहा था इसके बावजूद इसका इस्तेमाल किया गया। (All Pics- PTI)
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छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर यह घटना 14 मार्च शाम साढ़े सात बजे हुई जब पुल का अधिकांश हिस्सा गिर गया। सूचना मिलते ही दमकल कर्मी तत्काल मौके पर पहुंचे और मलबे से लोगों को बाहर निकालने लगे। फिलहाल राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। हादसे के बाद वाहन ले जा रहे यात्रियों से डी एन मार्ग से लेकर जे जे फ्लाईओवर तक के रास्ते पर जाने से बचने के लिए कहा है।
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यह पुल सीएसटी के प्लेटफॉर्म संख्या एक के उत्तरी छोर को टाइम्स ऑफ इंडिया इमारत के पास बीटी लेन से जोड़ने वाला था जिस पर लोग पैदल सड़क पार करते थे। पुल के ढहने से शहर का यातायात भी प्रभावित हुआ है। सभी यात्री अब दूसरे मार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में घटना स्थल का जायजा लेने महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फरणवीस पहुंचे थे। उनके अलावा तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है। पुलिस प्रवक्ता मंजूनाथ सिंगे ने बताया कि मृतकों की पहचान अपूर्वा प्रभु (35), रंजना ताम्बे (40), भक्ति शिंदे (40), जाहिद शिराज खान (32) और टी सिंह (35) के रूप में हुई है। प्रभु और ताम्बे जीटी अस्पताल में काम करते थे। वहीं तमाम लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। -
सीएम फरणवीस ने मृतकों के परिजन के लिए पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
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सीएम का कहना है कि 40 साल पुराने इस पुल के गिरने की जांच एक उच्चस्तरीय समिति करेगी। घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उनके इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।