-
भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिन की लंबी यात्रा पूरी की और बुधवार, 24 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इस मून मिशन को सफल बनाने में इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) के हर बड़े कीर्तिमान के साथ कई भारतीय महिलाओं का भी योगदान रहा। आज महिलाएं अपनी लगन और मेहनत से जीवन के हर क्षेत्र में शिखर छू रही हैं। विज्ञान का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। वहीं चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया उनकी सूझबूझ और सकारात्मक कदमों का लोहा मान रही है। तो चलिए आपको उन महिला वैज्ञानिकों के बारे बताते हैं जिन्होंने चंद्रयान-3 को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और भारत का नाम रोशन किया है।
-
Anuradha TK
अनुराधा टी के इसरो की सबसे वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक हैं, जो 1982 में अंतरिक्ष एजेंसी में शामिल हुईं थीं। ISRO में सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने वाली वह पहली महिला भी थीं। (Source: Indian Armed Forces/Facebook) -
Muthayya Vanitha
मुथैया वनिता एक भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर हैं जिन्होंने ISRO में सैटेलाइट प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया है। (Source: @isro_in/instagram) -
Minal Rohit
मीनल रोहित एक भारतीय वैज्ञानिक और ISRO में सिस्टम इंजीनियर हैं। (Source: @yajnshri/twitter) -
Ritu Karidhal
रॉकेट वुमन के नाम से प्रसिद्ध ISRO में वैज्ञानिक हैं। (Source: @HardeepSPuri/twitter) -
Moumita Dutta
मौमिता दत्ता एक भारतीय भौतिक विज्ञानी हैं जो ISRO में एक वैज्ञानिक/इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। (Source: Moumita Dutta/Linkedin) -
Nandini Harinath
नंदिनी हरिनाथ इसरो सैटेलाइट सेंटर में रॉकेट वैज्ञानिक हैं। (Source: @isro.universe/instagram) -
V R Lalithambika
डॉ. वी. आर. ललितांबिका एक भारतीय इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं जो ISRO के साथ काम कर रही हैं। (Source: @ChaitanyaAdvait/twitter)