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तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के तिरूचेंदूर समद्र तट के पास किनारे पर 30 मृत बैलीन व्हेल आज तड़के बह कर आ गईं, जबकि इसी प्रजाति की 250 व्हेल उथले पानी में फंसी हुई हैं। (एक्सप्रेस फोटो)
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अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुए समुद्री स्तनधारियों को वापस गहरे पानी में भेजने की कोशिश की जा रही हैं, जबकि मत्स्य पालन विभाग के शीर्ष अधिकारियों की एक टीम जांच करने के लिए मौके पर पहुंची। (एपी फोटो)
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मत्स्य पालन विभाग में समुद्री वैज्ञानिक वेलुमणि ने बताया, ‘‘यह एक असामान्य बात है..असामान्य मृत्यु की घटना है, हमें इसके पीछे के कारणों का पता लगाना है।’’ (एपी फोटो)
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तूतीकोरिन के मत्स्य पालन विभाग में सहायक निदेशक अमल जेवियर्स ने कहा, ‘‘इसकी कई वजहें हो सकती हैं, नौसेना का सोनार भी, प्रदूषण भी एक वजह हो सकता है, कारण फौरन पता नहीं चले है और हम इसपर अटकलें नहीं लगाना चाहते हैं।’’(एपी फोटो)
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वेलुमणि ने कहा, ‘‘हमे फंसी हुई व्हेलों के स्वास्थ्य का अध्ययन करना है और पारिस्थितिकी तंत्र का भी। अध्ययन के लिए समुद्र विज्ञान विशेषज्ञों की सहायता की भी जरूरत पड़ेगी।’’ (एपी फोटो)
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बीते सोमवार शाम को लगभग 52 व्हेल समुद्र किनारे मिली, इस पर उन्हें समुद्र में वापस डाला गया लेकिन मंगलवार सुबह एक बार फिर से व्हेल किनारे पर मिली। ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में व्हेल समुद्र किनारे पर आई हैं। (एपी फोटो)
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पिछले साल जून में 42 फीट लंबी ब्लू व्हेल भी किनारे आ गई थी और बाद में चोटों के चलते उसकी मौत हो गई थी। ब्लू व्हेल धरती पर पाया जाने वाला सबसे भारी भरकम जानवर है। (एपी फोटो)
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जबकि अगस्त 2015 में एक 33 फीट लंबी मृत व्हेल का कंकाल नागापट्टनम जिले के एक गांव के पास मिला था। (एपी फोटो)
