
रुपए जोड़ने में वक्त लगता है, लेकिन खर्चने में पल भर नहीं लगते। किसी मौके पर मूड के चलते, तो कभी मजाक-मजाक में रुपए ज्यादा खर्च हो जाते हैं। बाद में इस पर लोगों को पछतावा होता है। ऐसे में आप कुछ आसान तरीके अपनाकर रुपए मैनेज कर सकते हैं और उन्हें जमा कर सकते हैं। 
अपने हर खर्चे को एक जगह लिखें। चाहें तो नोटबुक में लिखें या फिर एक्सपेंस ट्रैकिंग एप्लीकेशंस पर। पेट्रोल का बिल हो या फिर रेस्त्रां में खाना, सभी चीजों का हिसाब लिखने से आपको भी अंदाजा रहेगा कि आप कहां कितना खर्च कर रहे हैं। -
प्रत्येक महीने बैंक की ओर से भेजे जाने वाले स्टेटमेंट्स (सेविंग्स, सैलरी, क्रेडिट-डेबिट कार्ड) को नजरअंदाज न करें। थोड़ा वक्त निकालें और खर्च का विभाजन करें।
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खुले या फुटकर रुपयों को यूं ही किसी भी चीज पर न खर्च करें। अच्छा यह रहेगा कि आप लगातार उन्हें बचाते जाएं। रुपयों बढ़ जाने पर बैंक में डाल दें या किसी अच्छी चीज में निवेश करें।
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घर के लिए अहम चीजें खरीदते वक्त सावधानी बरतें। बिल्कुल जल्दबाजी न करें। प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से जानें-समझें। छूट के बारे में पता करें। अन्य दुकानों पर भी उसके दाम पूछें। लोगों से सलाह-मशविरा करें, फिर जाकर फैसला करें।
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बड़ी रकम जब भी हाथ लगे, तो उसे फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में लगाएं। बैंक में रखने पर आपको रुपयों पर ब्याज तो मिलेगा, लेकिन एफडी और एसआईपी की तुलना में वह कम होगा। सबसे अधिक फायदा एसआईपी कराने में रहता है।
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दोस्ती-यारी अच्छी बात है, लेकिन इस चक्कर में हर किसी को रुपए न दें। अगर ऐसा करते हैं, तो फौरन यह आदत बदल लें। मदद करें लेकिन थोड़ा सोच-समझकर, जिससे आपके रुपए भी न फसें।
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पार्टी या शॉपिंग पर जाते वक्त पहले से दिमाग में खाका बना लें कि आपको कितने रुपए खर्चने हैं। आप अपनी बजट की सीमा को लेकर स्पष्ट रहें। वही चीजें खरीदें, जो काम की हों और जरूरी हों। (सभी फोटोः freepik.com)