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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 7वां और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट को लेकर संसद में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए हैं। इसी में से एक ऐलान एंजेल टैक्स को लेकर हुआ है। (PTI Photo)
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वित्त मंत्री ने कहा कि एंजेल टैक्स को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। चलिए जानते हैं कि आखिर ये एंजेल टैक्स क्या था और इसे हटाने से किसे और क्या फायदा मिलेगा। ( Photo: Freepik)
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बता दें, एंजेल टैक्स को देश में साल 2012 में लागू किया गया था। यह टैक्स उन अनलिस्टेड बिजनेस पर लागू होता था, जो एंजेल निवेशको से फंडिंग हासिल करते थे। (PTI Photo)
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आसान भाषा में कहें तो जब कोई स्टार्टअप किसी एंजेल निवेशक से फंड लेता था तो वह इस पर भी टैक्स चुकाता था। यह सारी प्रक्रिया आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत होती थी। ( Photo: Freepik)
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हालांकि, इसमें असली दिक्कत तब होती थी जब किसी स्टार्टअप को मिलने वाला इन्वेस्टमेंट उसकी Fair Market Value (FMV) से भी अधिक हो जाता था। इसकी वजह से स्टार्टअप को 30.9 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता था। ( Photo: Freepik)
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यह टैक्स सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए लागू किया था। इसके अलावा इस टैक्स की मदद से सभी बिजनेस को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश की गई थी। (PTI Photo)
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भले ही सरकार ने इस टैक्स को अच्छे मकसद से शुरू किया था, मगर इससे तमाम स्टार्टअप्स को भारी नुकसान झेलना पड़ा। यहीं वजह है कि सालों से इस टैक्स को लेकर विरोध हो रहा है। ( Photo: Freepik)
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खैर, अब इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स की इस बड़ी मांग को पूरा किया है और एंजेल टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। इस टैक्स के खत्म होने से देश के स्टार्टअप्स को फायदा होगा। (PTI Photo)
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बता दें, पिछले कुछ सालों में देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा कई स्टार्टअप ऐसे भी हैं जो यूनिकॉर्न बने हैं। मोदी सरकार का मकसद देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है, इसलिए वह स्टार्टअप्स को हर तरह की मदद देने की हर संभव कोशिश कर रही है। ( Photo: Freepik)
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