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दुनिया में ऐसे-ऐसे रहस्यमयी और अनोखे स्थान मौजूद हैं, जिनके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। ज्यादातर चर्च अपनी भव्यता, कलात्मकता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध होते हैं, लेकिन चेक गणराज्य (Czech Republic) का सेडलेक ऑस्युअरी (Sedlec Ossuary) पूरी दुनिया में अपनी अनोखी सजावट के लिए जाना जाता है। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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इस चर्च को लोग ‘चर्च ऑफ बोन्स’ (Church of Bones) के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि इसकी दीवारों, छत और सजावट में इंसानों की असली हड्डियों का प्रयोग किया गया है। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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यहां करीब 40,000 से 70,000 लोगों की हड्डियां और कंकाल कलात्मक ढंग से सजाए गए हैं। देखने वालों को ऐसा लगता है मानो चर्च हड्डियों से ही बनाया गया हो। यही कारण है कि यह चर्च दुनियाभर के पर्यटकों के लिए एक रहस्यमयी आकर्षण बन चुका है। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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कैसे बनी ये जगह खास?
इस चर्च की कहानी 13वीं शताब्दी से शुरू होती है। कहा जाता है कि 1278 में यहां के हेनरी नामक एक संत को ईसाई धर्म की पवित्र भूमि फिलिस्तीन (जेरूसलम)भेजा गया था। जब वे वापस लौटे तो अपने साथ वे एक जार में उस स्थान की थोड़ी-सी पवित्र मिट्टी लेकर आए, जिसे उन्होंने सेडलेक कब्रिस्तान की जमीन पर बिखेर दिया। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook) -
लोगों का मानना था कि यह मिट्टी प्रभु यीशु को जिस स्थान पर सूली पर चढ़ाया गया था, वहीं से लाई गई थी। इसके बाद से यह कब्रिस्तान लोगों के लिए अत्यधिक पवित्र और अंतिम संस्कार की पसंदीदा जगह बन गया। इसके साथ ही यहां शवों को दफनाने की परंपरा शुरू हो गई। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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प्लेग और युद्धों ने बढ़ा दी लाशों की संख्या
14वीं और 15वीं शताब्दी में यूरोप में प्लेग और युद्धों के कारण हजारों लोगों की जान गई। उनमें से अधिकांश को इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया। धीरे-धीरे कब्रिस्तान में जगह कम पड़ गई। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook) -
तब यह निर्णय लिया गया कि कब्र में से हड्डियों को निकालकर एक ऑस्युअरी (Ossuary) यानी हड्डियों का संग्रहालय बनाया जाए। हड्डियों को सुरक्षित रखकर चर्च में सजाया जाने लगा। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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हड्डियों से बनी कलाकृतियां
1870 में एक कलाकार फ्रांटिसेक रिंट (František Rint) को इन हड्डियों को व्यवस्थित और सजाने का काम सौंपा गया। उन्होंने हड्डियों को इस तरह कलात्मक रूप से सजाया कि चर्च देखने में भव्य और डरावना, दोनों ही प्रतीत होता है। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook) -
चर्च के बीचों-बीच एक विशाल झूमर (Chandelier) है, जिसमें इंसानी शरीर की हर हड्डी का इस्तेमाल किया गया है। दीवारों पर खोपड़ियों की झालरें और हड्डियों से बने प्याले व मोनस्ट्रेंस सजाए गए हैं। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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यहां तक कि एक दीवार पर श्वार्ज़ेनबर्ग परिवार (House of Schwarzenberg) का शाही निशान भी हड्डियों से बनाया गया है। कलाकार ने प्रवेश द्वार के पास की हड्डियों से बनी चर्च की दीवार पर खुद के हस्ताक्षर भी छोड़े हैं। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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आज का ‘चर्च ऑफ बोन्स’
आज यह चर्च चेक गणराज्य का सबसे रहस्यमयी और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हर साल करीब 2.5 लाख लोग दुनिया भर से इसे देखने आते हैं। यह चर्च न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह जीवन और मृत्यु के बीच के रहस्य को भी दर्शाता है। यहां जाकर हर कोई समझ पाता है कि मौत के बाद इंसान की पहचान सिर्फ हड्डियों तक सीमित रह जाती है। (Photo Source: Sedlec Ossuary Project/Facebook)
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