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धरती पर कई रहस्यमयी जगहें हैं, जहां की खूबसूरती और रहस्य दोनों ही लोगों को हैरान कर देते हैं। बर्फ से ढके अंटार्कटिका में भी एक ऐसा ही अनोखा नजारा मौजूद है, जिसे देखकर पहली नजर में लगता है मानो बर्फ के बीच से खून बह रहा हो। इस अद्भुत नजारे को ब्लड फॉल्स (Blood Falls) कहा जाता है। (Photo Source: National Science Foundation)
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आखिर क्या है खूनी झरना?
यह झरना पूर्वी अंटार्कटिका (East Antarctica) के टेलर ग्लेशियर (Taylor Glacier) से निकलता है। दूर से देखने पर यह बिल्कुल खून की तरह लाल दिखाई देता है। साल 1911 में ऑस्ट्रेलियाई भूवैज्ञानिक थॉमस ग्रिफिथ टेलर ने सबसे पहले इसे देखा था। शुरुआत में वैज्ञानिकों को लगा कि यह लाल रंग की वजह शैवाल (Algae) है, लेकिन बाद में रिसर्च से सच्चाई सामने आई। (Photo Source: @biancanemelc/instagram) -
झरने का रंग लाल क्यों है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस झरने के लाल रंग की वजह इसमें मौजूद आयरन (Iron) से भरपूर नमकीन पानी है। जब यह पानी ग्लेशियर से बाहर निकलकर हवा के संपर्क में आता है, तो ऑक्सीकरण (Oxidation) की वजह से इसका रंग खून की तरह गहरा लाल हो जाता है। (Photo Source: National Science Foundation) -
क्या है इसके नीचे छुपा रहस्य?
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस ग्लेशियर के नीचे एक प्राचीन झील और अनोखा इकोसिस्टम (Ecosystem) मौजूद है, जो करीब 15 से 40 लाख साल पुराना है। यहां लाखों सूक्ष्मजीव (Microbes) रहते हैं, जो बिना रोशनी, बिना ऑक्सीजन और बेहद ठंडी परिस्थितियों में के जिंदा हैं। ये सूक्ष्मजीव अपने जीवन के लिए सल्फेट और आयरन के रिसाइक्लिंग जैसी अनोखी प्रक्रिया अपनाते हैं। (Photo Source: National Science Foundation) -
वैज्ञानिकों के लिए क्यों खास है यह जगह?
यह झरना सिर्फ अंटार्कटिका की खूबसूरती का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह वैज्ञानिकों को धरती पर जीवन की शुरुआत और दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं को समझने का मौका देता है। यहां मौजूद सूक्ष्मजीव दिखाते हैं कि जीवन कितनी कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता है। (Photo Source: @biancanemelc/instagram) -
नासा (NASA) और अन्य वैज्ञानिक संस्थाएं मानती हैं कि जैसे इस झरने के नीचे जीवन संभव है, वैसे ही बर्फ से ढके ग्रहों और उपग्रहों जैसे मंगल (Mars) और यूरोपा (Europa) पर भी जीवन की संभावना हो सकती है। (Photo Source: National Science Foundation)
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क्यों नहीं जमता यह पानी?
अंटार्कटिका का तापमान माइनस 7 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन इस पानी में अत्यधिक नमक (Hypersaline Water) मौजूद होने के कारण यह कभी जमता नहीं है और लगातार बहता रहता है। यही कारण है कि यह झरना सालों से बह रहा है। (Photo Source: National Science Foundation) -
खूनी झरना: धरती का टाइम कैप्सूल
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झरना एक तरह का “टाइम कैप्सूल” है, जो प्राचीन समुद्री जीवन को लाखों सालों से अपने अंदर समेटे हुए है। इसकी गहराई तक पहुंचना बेहद मुश्किल है क्योंकि इंसानों के पास अभी ऐसी तकनीक नहीं है जिससे ग्लेशियर के भीतर छिपी इस अनोखी दुनिया का पूरा रहस्य जाना जा सके। -
कठिनाई क्यों है इसकी स्टडी करना?
ब्लड फॉल्स तक पहुंचना और इसका अध्ययन करना बेहद मुश्किल है। यहां का तापमान दिन में भी माइनस 7 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। यह जगह इंसानों के लिए खतरनाक है और वहां टिकना आसान नहीं है। झरने के स्रोत तक पहुंचने के लिए अभी तक हमारे पास उतनी उन्नत तकनीक नहीं है। (Photo Source: National Science Foundation)
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