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अगर आप से पूछा जाए कि भगवान को प्रसन्न करने का सबसे सरल रास्ता क्या है तो आप मंदिर जाना, सत्संग सुनना या व्रत रखना इन तीनों में से किसी एक का नाम लेंगे। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) यह भी पढ़ें- प्रेमानंद महाराज ने बताया सावन में कैसे खुश होते हैं ‘महादेव’, किस तरह करनी चाहिए पूजा?
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ये तीनों ही भक्ति मार्ग के पहले द्वार हैं। लेकिन सबसे सरल मार्ग ये तीनों नहीं हैं। ये हम नहीं बल्कि प्रेमानंद महाराज का कहना है। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद महाराज से एक भक्त यह सवाल करता है कि जिसपर वह कहते हैं कि भगवान को प्रसन्न करने का सबसे सरल मार्ग है शरणागत। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानं महाराज एकादशी स्कंद भागवत के एक श्लोक पढ़ते हुए कहते हैं कि, भगवान ने खुद ही कहा है कि मैं बड़े-बड़े व्रत से वस में होने वाला नहीं हूं, मैं बड़ी-बड़ी यज्ञों से वस में होने वला नहीं, मैं नियम संयम से वस में होने वाला नहीं। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) दान करते हैं तो जान लें नियम, प्रेमानंद महाराज ने कहा ऐसे लोगों को कभी नहीं मिलता पुण्य
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अगर मैं वस में होता हूं तो साधु संग से होता हूं। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि साधु संग का मतलब होता है कि भगवान के शरण में होना। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भगवान को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय यही है कि ‘हे नाथ मैं जैसा भी हूं आपका हूं’। क्योंकि, इसके अलावा हमारे पास कुछ नहीं है। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) घर से बाहर जाते समय लड्डू गोपाल की मूर्ति को लेकर ध्यान में रखें ये बातें, प्रेमानंद महाराज ने बताया नियम
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प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, भगवान कहते हैं कि करोड़ों विप्रो, ब्राह्मणों, ऋषियों के मारने का पाप लगा हो तो भी भगवान के शरण में आ जाने से वो अपना लेते हैं। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार आप अपने आप को पूरी तरह से भगवान को समर्पित कर दें और कहें कि ‘मैं जो भी हूं, जैसा भी हूं आपका ही हूं’। अगर सच्चे मन से आप भगवान की शरण में जाना चाहते हैं तो वो जरूर आपको अपना लेंगे। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) प्रेमानंद महाराज ने बताया किस समय का देखा गया सपना सच होता है? इसे संकेत समझे और सावधान हो जाएं