जहां देशभर में होली का त्योहार रंगों और मिठाइयों से मनाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर हमारे समाज में एक ऐसा तबका भी है जहां पर रंग नहीं बल्कि जीवनसाथी के मेल-मिलाप से यह त्योहार मनाया जाता है। होली के रूप में मनाए जाने वाले इस उत्सव को भगोरिया हाट फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है। इस उत्सव में महिलाएं अपने मनपसंद दूल्हे का चुनाव करती हैं। भगोरिया हाट फेस्टिवल में पुरुष और महिलाओं की रजामंदी से दोनों का विवाह होता है। विवाह की रस्म भी गुलाबी रंग से शुरु होती है। यहां हम आपको इन तस्वीरों के जरिए उन महिलाओं को दिखा रहे हैं जो अपने मनपसंद दूल्हे का चुनाव करने निकल पड़ी हैं। (PTI) -
भगोरिया हाट फेस्टिवल मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के आदिवासी इलाकों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। भगोरिया उत्सव के दौरान धार, झाबुआ, खरगोन आदि क्षेत्रों के हाट-बाजार मेले का रूप ले लेते हैं और हर तरफ फागुन और प्यार का रंग बिखरा नजर आता है। (PTI)
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इस उत्सव में युवक-युवती बेहद सजधज कर अपने भावी जीवनसाथी का चुनाव करने आते हैं। इनमें आपसी रजामंदी जाहिर करने का तरीका भी बेहद निराला होता है। सबसे पहले लड़का लड़की को पान खाने के लिए देता है। यदि लड़की पान खा ले तो समझो उसे वह दूल्हा पसंद है। इसके बाद लड़का पान खाने वाली लड़की अपने साथ ले जाता है और बाद में दोनों विवाह कर लेते हैं।
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इसी तरह यदि लड़का ने लड़की के गाल पर गुलाबी रंग लगा दे और जवाब में लड़की भी लड़के के गाल पर गुलाबी रंग मल दे तो भी रिश्ता तय माना जाता है। (PTI)
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तस्वीरों में महिलाओं की यह टोलियां मध्यप्रदेश के अलीराजपुर की हैं, जहां पर इस मेले का आयोजन किया गया है। (PTI)
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अपने मनपसंद वर को तलाशती आदिवासी महिला। यह उत्सव 1 मार्च से 10 मार्च तक चलेगा। (PTI)
