-

खेलों की दुनिया में भारत ने कई ऐसे खेलों को जन्म दिया है जिनकी पहचान आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कई खेलों की जड़ें भारत में होने के बावजूद उनका श्रेय किसी और देश को मिल गया। ऐसा ही एक खेल है बैडमिंटन (Badminton) — जिसकी शुरुआत दरअसल भारत के पुणे (Poona) शहर से हुई थी। (Photo Source: Pexels)
-
भारत से इंग्लैंड तक ‘पूना’ का सफर
बैडमिंटन की कहानी 19वीं सदी के मध्य से शुरू होती है। उस समय ब्रिटिश सेना के अधिकारी भारत के पुणे में तैनात थे। मनोरंजन और व्यायाम के लिए वे एक खेल खेलते थे, जिसे उन्होंने ‘पूना’ नाम दिया — इस शहर के नाम पर। (Photo Source: Pexels) -
साल 1867 में पुणे के खड़की (Khadki) इलाके में, जहां आज ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, अंग्रेज अधिकारियों ने अपने बंगले के बैकयार्ड में पहली बार इस खेल को खेला। लकड़ी के रैकेट और पंखों से बने शटल से खेला जाने वाला यह खेल जल्द ही ब्रिटिश अफसरों के बीच लोकप्रिय हो गया। (Photo Source: Pexels)
-
‘पूना’ से ‘बैडमिंटन’ बनने तक की कहानी
ब्रिटिश अफसर इस खेल को इंग्लैंड लेकर गए। वहां 1873 में नौवें ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट, हेनरी एडलबर्ट वेलिंगटन फिट्जरॉय सोमरसेट ने अपने देश के ग्लूस्टरशायर स्थित आलीशान महल ‘बैडमिंटन हाउस’ में अपने मेहमानों के सामने इस खेल को प्रस्तुत किया। (Photo Source: badmintonestate.com) -
वहीं से इस खेल का नाम बदल गया और ‘पूना’ कहलाने वाला खेल बन गया ‘बैडमिंटन’ (Badminton)। धीरे-धीरे भारत का नाम मिट गया और इंग्लैंड को इसका श्रेय मिल गया। (Photo Source: Pexels)
-
दक्षिण भारत में पहले से मौजूद था ‘बॉल बैडमिंटन’
दिलचस्प बात यह है कि ब्रिटिश अफसरों के ‘पूना’ खेलने से पहले भी दक्षिण भारत में एक समान खेल खेला जाता था — ‘बॉल बैडमिंटन’। साल 1856 में तमिलनाडु के तंजावुर (Thanjavur) के राजघराने ने इस खेल की शुरुआत की थी। (Express Archive Photo) -
इसमें शटल की जगह हल्के ऊनी गेंद (woollen ball) का उपयोग होता था। यह खेल जल्द ही कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और हैदराबाद तक फैल गया। 1970 के दशक तक दक्षिण भारत में ‘बॉल बैडमिंटन’ की लोकप्रियता ‘शटल बैडमिंटन’ से कहीं अधिक थी। (Photo Source: Pexels)
-
प्रकाश पादुकोण से बदला खेल का चेहरा
भारत में बैडमिंटन को सही पहचान 1980 में मिली, जब प्रकाश पादुकोण ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीती। उस वक्त तक दक्षिण भारत में भी बॉल बैडमिंटन ज्यादा लोकप्रिय था, लेकिन पादुकोण की इस उपलब्धि ने देशभर में ‘शटल बैडमिंटन’ को घर-घर पहुंचा दिया। (Express Archive Photo) -
आज का बैडमिंटन और भारत की पहचान
आज बैडमिंटन भारत का एक लोकप्रिय खेल बन चुका है। पी.वी. सिंधु, साइना नेहवाल, किदांबी श्रीकांत, लक्ष्य सेन और पुल्लेला गोपीचंद जैसे खिलाड़ियों ने देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। (Express Archive Photo)
(यह भी पढ़ें: स्पोर्ट्स की दुनिया में कमाना है नाम? तो जरूर अपनाएं ये 8 जरूरी आदतें)