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राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप सिल्वर स्क्रीन पर मुख्यमंत्री के अवतार में नजर आने वाले हैं। खबर है कि 'अपहरण उद्योग' नाम की भोजपुरी फिल्म में वह मुख्यमंत्री का किरदार निभा रहे हैं। पटना में सोमवार को मीडिया से बात करते हुए तेज प्रताप ने खुद इस बात की जानकारी दी।
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तेज प्रताप यादव ने कहा कि उन्हें एक्टिंग करना पसंद है और फिल्म में उनकी सकारात्मक भूमिका है। इस फिल्म का एक शॉट रविवार को राजगीर में शूट किया गया। फिल्म में भोजपुरी एक्टर छोटू छलिया भी किरदार में हैं। रविवार को हुई शूटिंग के एक सीन में तेज प्रताप भीड़ समझाते दिखाई दिए।
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भारतीय कोर्ट में गवाही के दौरान डेविड कोलमैन हेडली ने इशरत जहां को लश्कर आतंकी बताया था। उसके बयान के बाद तेज प्रताप से सवाल पूछा गया था, क्या आप भी जेडीयू की तरह इशरत को बिहार की बेटी मानते हैं। इस पर तेज प्रताप ने कहा कि हम उनका समर्थन करते हैं, जबकि खुद नीतीश इस बयान से अपने आप को अलग कर चुके थे।
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तेज प्रताप के नए अवतार के बारे में जानकर लोग हैरान इसलिए भी हैं, क्योंकि उनके बारे में यह कहा जाता रहा है कि वह सावर्जनिक कार्यक्रमों में बोल नहीं पाते। बीजेपी नेता सुशील कुमार ने कहा था कि जब भी सदन में बोलने की बारी आती है, वह कोई न कोई बहाना बना देते हैं। इस बात को आरजेडी नेताओं ने भी स्वीकारा। उन्होंने तो यहां तक कहा कि लालू यादव अपने बेटे को बोलने की ट्रेनिंग दिला रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से वह मीडिया के साथ बात कर रहे हैं, लेकिन जब से उन्होंने ऐसा करना शुरू किया है, तब से वह कई विवाद भी खड़े कर चुके हैं।
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नीतीश कुमार के जनता दरबार में तेज प्रताप ने कहा था, 'मीडियाकर्मियों के पेट में कीड़ा है। आप लोगों को भी एल्बेंडाजोल की दवा देना पड़ेगा। कहिएगा तो हम व्यवस्था करा देंगे।' आपको बता दें कि तेज प्रताप से मीडियाकर्मियों ने सवाल पूछा था कि कीड़ा मारने की दवा से बच्चे बीमार क्यों हो रहे हैं? इसके जवाब में वह उल्टा मीडिया पर ही बरस पड़े।
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तेज प्रताप ने 20 नवंबर 2015 को मंत्री पद की शपथ ली थी। वह जब पटना के गांधी मैदान में मंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे तो थोड़े घबराए हुए दिखे थे और अपेक्षित की जगह उपेक्षित बोल गए थे। इस गलती की वजह से राज्यपाल रामनाथ गोविंद ने उन्हें फिर से पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।
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बिहार सरकार में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बाद तीसरे नंबर की हैसियत रखने वाले तेज प्रताप ने शपथ लेने के कई महीने बाद तक मीडिया से दूरी बनाए रखी। खबरें तो यहां तक आई थीं कि लालू यादव और आरजेडी के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि तेज प्रताप सावर्जनिक कार्यक्रमों में न बोलें।
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17 जनवरी 2016 को लालू प्रसाद यादव को नौवीं बार आरजेडी अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त पटना के कृष्णा मैमोरियल हॉल में राबड़ी देवी ने भाषण दिया था। इसी समारोह में लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव भी उपस्थित थे और उन्होंने सुशासन को अपनी सरकार का एजेंडा बताया। लेकिन उनके साथ ही खड़े तेज प्रताप कुछ नहीं बोले थे। वह चुप रहे और तालियां बजाते रहे।
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30 जनवरी 2016 को पटना में होम्योपैथी कांग्रेस का आयोजन किया गया था। प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री होने नाते इस कार्यक्रम में तेज प्रताप यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। कार्यक्रम में लोग उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आए। हां, लालू यादव जरूर इस कार्यक्रम में शामिल हुए और लोगों से कहा कि तेज प्रताप को एक जरूरी मीटिंग में जाना पड़ा।
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31 जनवरी 2016 को राघोपुर में पुल निर्माण कार्य की शुरुआत के कार्यक्रम में नीतीश कुमार, लालू यादव, तेजस्वी यादव ने भाषण दिया, लेकिन तेज प्रताप वहां भी खामोश थे। लालू यादव ने तेज प्रताप को जब से राजनीति में लॉन्च किया है, वह तभी से न तो विधानसभा में बोल रहे थे और न ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में। वह थोड़ा-बहुत उसी वक्त बोले थे, जब महुआ विधानसभा क्षेत्र में उनके चुनाव-प्रचार के लिए नीतीश कुमार आए थे।
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आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कुछ दिनों पहले इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, ‘वह सार्वजनिक तौर पर अपनी बात नहीं कह पाते हैं, पर वह तेजी से सीख रहे हैं।’ उन्हें लगता है कि इस मुद्दे को लेकर तेज प्रताप के पीछे पड़ना गैरजरूरी है। तेज प्रताप की खामोशी सिर्फ सार्वजनिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रही, बल्कि वह विधानसभा में भी चुप ही रहे हैं। उन्होंने विधान परिषद के सेशन को भी अटेंड नहीं किया था।
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सूत्रों की मानें तो पार्टी तेज प्रताप को इसलिए ‘प्रोटेक्शन’ दे रही थी, ताकि उनकी जुबान न फिसल जाए, लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी के लिए अब उन्हें रोकना मुश्किल हो गया है। दावा तो यहां तक किया गया कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह ले रहे हैं, जिससे कि वह अपनी भाषण शैली को बेहतर कर सकें। खुद लालू यादव भी उन्हें तैयार कर रहे हैं।
