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प्रकृति सिर्फ सुंदर ही नहीं, बल्कि बेहद बुद्धिमान भी है। लाखों वर्षों के विकास (Evolution) के दौरान जानवरों ने ऐसी अद्भुत इंद्रियां विकसित की हैं, जिनके सामने आज की अत्याधुनिक तकनीक भी कई बार फीकी पड़ जाती है। बिजली, मैग्नेटिज्म, गर्मी, ध्वनि, प्रकाश और कंपन जैसी चीजों को महसूस करने की उनकी क्षमता इंसानों के लिए आज भी चुनौती बनी हुई है। ये नेचुरल एबिलिटीज साबित करती हैं कि जीव विज्ञान (Biology) एक मास्टर इंजीनियर है, जिसने हर जीव को उसके जीवन और अस्तित्व के लिए बिल्कुल सटीक टूल्स दिए हैं। (Photo Source: Unsplash)
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शार्क
शार्क के शरीर में विशेष सेंसर होते हैं, जो दूसरे जीवों की मांसपेशियों से निकलने वाले बेहद हल्के इलेक्ट्रिक सिग्नल को भी पकड़ लेते हैं। इसी वजह से शार्क रेत के नीचे छिपे शिकार को भी आसानी से ढूंढ लेती है। इंसानों के लिए इतनी सूक्ष्म बिजली को पकड़ना आज भी चुनौती है। (Photo Source: Pexels) -
कबूतर
कबूतरों को चाहे हजारों किलोमीटर दूर छोड़ दिया जाए, वे बिना GPS के अपने घर वापस लौट आते हैं। उनके शरीर में मौजूद विशेष कोशिकाएं पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड को महसूस करती हैं, जिससे उन्हें दिशा का सही अंदाजा मिलता है। (Photo Source: Unsplash) -
सांप
कुछ सांपों के पास ऐसे सेंस होते हैं जो इन्फ्रारेड रेडिएशन को पहचान सकते हैं। वे अंधेरे में भी गर्म खून वाले शिकार को उसकी शरीर की गर्मी से देख लेते हैं, जहां इंसानी आंखें पूरी तरह बेबस हो जाती हैं। (Photo Source: Unsplash) -
कुत्ते
कुत्तों की सूंघने की क्षमता इतनी तेज होती है कि वे गंध के कमजोर पड़ने की गति से यह अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई व्यक्ति कितनी देर पहले वहां से गया है। इसे वैज्ञानिक ‘स्मेलिंग टाइम’ कहते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
चमगादड़
चमगादड़ इकोलोकेशन तकनीक से आवाज की मदद से अपने आसपास की पूरी 3D तस्वीर बना लेते हैं। अंधेरे में भी वे बिना टकराए उड़ते हैं, जो आज के सबसे एडवांस सेंसर्स के लिए भी आसान नहीं। (Photo Source: Unsplash) -
मैन्टिस श्रिम्प
मैन्टिस श्रिम्प इंसानों से बिल्कुल अलग तरह की रोशनी देख सकते हैं। वे पोलराइज्ड लाइट पहचानते हैं, जिससे उन्हें ऐसे पैटर्न दिखाई देते हैं जो इंसानी आंखों के लिए पूरी तरह अदृश्य हैं। (Photo Source: Unsplash) -
उल्लू
उल्लुओं के कान असमान (Asymmetrical) आकार के होते हैं, जिससे वे आवाज की दिशा और दूरी बेहद सटीकता से पकड़ लेते हैं। बर्फ के नीचे छिपे शिकार को भी वे केवल आवाज के सहारे ढूंढ लेते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
हाथी
हाथी कम फ्रीक्वेंसी की आवाजें और जमीन में होने वाले कंपन को महसूस कर सकते हैं। ये कंपन मीलों दूर तक पहुंचते हैं, जिससे हाथी दूर मौजूद खतरे या दूसरे झुंडों की मौजूदगी पहचान लेते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
प्रकृति से सीखती टेक्नोलॉजी
इन सभी उदाहरणों से साफ है कि प्रकृति एक मास्टर इंजीनियर है। वैज्ञानिक आज जानवरों के इन सेंस से प्रेरणा लेकर नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं, जैसे बेहतर नेविगेशन सिस्टम, एडवांस सेंसर, स्मार्ट कम्युनिकेशन और एनर्जी एफिशिएंट डिवाइस। (Photo Source: Unsplash)
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