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दिल्ली के दिल में बसा इंडिया गेट केवल एक स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना नहीं है, बल्कि यह भारतीय वीरता, साहस और बलिदान का प्रतीक भी है। राजधानी की पहचान बन चुका यह स्मारक देश के उन बहादुर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत का गौरव बढ़ाया। (Photo Source: Pexels)
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कब और कैसे बना इंडिया गेट?
इंडिया गेट का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और 1931 में पूरा हुआ, यानी इसे बनने में पूरे 10 साल लगे। इस स्मारक का डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस (Sir Edwin Lutyens) ने तैयार किया था, जो उस समय दिल्ली की नई राजधानी के मुख्य वास्तुकार थे। (Photo Source: Pexels) -
इंडिया गेट का पूरा नाम क्या है?
बहुत कम लोग जानते हैं कि इंडिया गेट का पूरा नाम ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ (All India War Memorial) है। इसे ब्रिटिश शासनकाल के दौरान प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनाया गया था। (Photo Source: Pexels) -
12 फरवरी 1931 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन (Lord Irwin) ने इसका उद्घाटन किया था। इसका निर्माण इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन (Imperial War Graves Commission) के तहत हुआ था, जिसका उद्देश्य युद्ध में शहीद सैनिकों की याद में स्मारक बनवाना था। (Photo Source: Pexels)
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किन सैनिकों की याद में बना यह स्मारक?
इंडिया गेट उन 74,187 भारतीय सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने 1914 से 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में शहादत दी थी। इस स्मारक पर 13,300 सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं, जिनमें से 12,357 भारतीय हैं। इन सैनिकों ने फ्रांस, फ्लैंडर्स, मेसोपोटामिया, फारस, पूर्वी अफ्रीका और गैलीपोली जैसे युद्धक्षेत्रों में अपनी वीरता दिखाई थी। (Photo Source: Pexels) -
अमर जवान ज्योति – शहीदों की अमर याद
1971 में भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश मुक्ति युद्ध) के बाद इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति बनाई गई। इसमें काले संगमरमर के चबूतरे पर उलटी रखी राइफल, उस पर सैनिक की टोपी और चारों ओर जलती अमर ज्योति स्थापित की गई है। यह संरचना भारत के अज्ञात सैनिक को समर्पित है और हर साल गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री यहां आकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। (Photo Source: Pexels) -
पर्यटकों और नागरिक आंदोलनों का केंद्र
इंडिया गेट केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि यह दिल्लीवासियों और देशभर के लोगों के लिए भावनाओं का केंद्र भी है। शाम के समय जब यह स्मारक रोशनी से जगमगाता है, तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है। यह स्थान वर्षों से नागरिक आंदोलनों, विरोध प्रदर्शनों और एकता के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता रहा है — चाहे बात अन्ना आंदोलन की हो या युवाओं के किसी सामाजिक अभियान की। (Photo Source: Pexels) -
विश्व स्तर पर पहचान
दिल्ली का इंडिया गेट अक्सर पेरिस के Arc de Triomphe और मुंबई के Gateway of India से तुलना की जाती है। 2017 में इसे ब्रिटेन के Leicester शहर में स्थित Arch of Remembrance स्मारक के साथ “ट्विन्ड मेमोरियल” का दर्जा दिया गया। (Photo Source: Pexels)
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