केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है। सरकार तमाम योजनाओं जैसे स्कॉलरशिप, राइट टु फूड से लेकर तमाम योजनाओं में इसे अनिवार्य कर रही है। इसके बाद इंसानों के आधार कार्ड तो बन ही रहे हैं लेकिन आए दिन ही कई ऐसे केस भी आते हैं जब हम जानवरों के आधार कार्ड बने देखते हैं। हाल ही एक मध्य प्रदेश के जिला भिंड में एक कुत्ते का आधार कार्ड पाया गया। हालांकि जिस व्यक्ति ने ये आधार बनवाया था उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे केस जाहिर करते हैं कि अब आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारी अपनी आंखों में पट्टी बांधकर आधार बना देते हैं। आपको बता दें कि आधार पंजीकरण एजेंसी की मदद से कुत्ते टॉमी सिंह का आधार कार्ड बनवाया गया। आधार कार्ड पर टॉमी सिंह के पिता का नाम शेरू सिंह दर्ज है। टॉमी सिंह की जन्मतिथि 26 नवंबर 2009 दर्ज है। रिपोर्ट के अनुसार ये मामला तब सामने आया जब उमरी के किटी गांव के एक निवासी ने आधार कार्ड बनवाने में आ रही मुश्किलों की बात कहकर आजम खान की एजेंसी के खिलाफ शिकायत की। इस व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि खान की एजेंसी कुत्तों और दूसरे जानवरों का आधार कार्ड बनवा रही है लेकिन उन्हें परेशान कर रही है। उमरी के टाउन इंस्टपेक्टर आरएस तोमर ने एचटी को बताया कि आजम खान पर फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया है। -
बता दें कि इससे पहले राजस्थान में सीकर जिले के दातारामगढ़ कस्बे के पोस्ट ऑफिस में भी ऐसा केस सामने आया था। जहां पर पोस्ट ऑफिस स्टाफ को लिफाफे में हनुमान जी के नाम पर एक आधार कार्ड मिला था। पोस्ट ऑफिस स्टाफ के मेंबर्स ने इस आधार कार्ड पर पंजीयन क्रमांक और कार्ड नंबर के साथ-साथ मोबाइल फोन नंबर भी देखा। उन्होंने आधार में दिए गए नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि वो आधार कार्ड अंकित नाम के लड़के का था। पूछाताछ के दौरान मालूम चला कि अंकित ने दो साल पहले आधार कार्ड बनाने के लिए अप्लाई किया था लेकिन तब नहीं बन पाया।
एक और अन्य केस में गायों के नाम पर आधार कार्ड देखा गया। बता दें कि भारत सरकार के निर्देश पर झारखंड में अप्रैल 2017 में गायों का आधार कार्ड बनाना शुरू कर दिया गया था। प्रोग्राम इन्फॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्शन एंड हेल्थ की ओर से चलाए गए इस प्रोग्राम में 12 हजार गायों का आधार कार्ड बनाकर गायों के कानों में टैग कर दिया गया था। कार्ड में गाय के मालिक का नाम, पता, दूध देने की क्षमता, कब बीमार हुई, कब-कब गर्भवती हुई जैसी डिटेल दी गई थी। -
इसी तरह एक बार बकरी का आधार कार्ड भी काफी दिनों तक वायरल हो चुका है।
