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देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्में बनाकर 'भारत' नाम पाने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार आज (24 जुलाई 2016) को 80वां जन्मदिन मना रहे हैं। उपकार, पूरब और पश्चिम, पत्थर के सनम, रोटी कपड़ा और मकान जैसी फिल्मों में अदाकारी के जौहर दिखाने वाले इस लीजेंड की कुछ Rare Photos और Interesting Facts:
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मनोज कुमार का जन्म एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में हुआ था। एक अजीब संयाेग यह भी है कि इसी जगह पर 2011 में कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मारा गया था। (EXPRESS ARCHIVE)
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विभाजन के समय कुमार का परिवार दिल्ली चला आया। उस वक्त मनोज सिर्फ 10 साल के थे। (EXPRESS ARCHIVE)
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संघर्ष के दिनों में मनोज कुमार कई स्टूडियोज के लिए लिखते थे। (उनकी जगह किसी और को क्रेडिट मिलता था) उन्हें तब 11 रुपए प्रति सीन मेहनताना मिलता था। (EXPRESS ARCHIVE)
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मनोज कुमार दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन हैं। दिलीप की फिल्म 'शबनम' (1949) में उनके किरदार के नाम से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम बदलकर मनोज कुमार रख लिया। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी है। (EXPRESS ARCHIVE)
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कुमार ने 1967 में फैशन नाम की फिल्म के साथ शुरुआत की, लेकिन इससे उन्हें कोई पहचान नहीं मिली। (EXPRESS ARCHIVE)
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1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कुमार से 'जय जवान जय किसान' नारे पर फिल्म बनाने को कहा था। उन्होंने जो पहली फिल्म निर्देशित की, वह इसी नारे पर आधारित थी, नाम था 'उपकार' (1967)। (EXPRESS ARCHIVE)
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1989 में मनोज कुमार ने पाकिस्तानी कलाकारों- मोहम्मद अली और जेबा को 'क्लर्क' फिल्म में काम करने के लिए साइन किया। (EXPRESS ARCHIVE)
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क्रांति (1981) के बाद, मनोज कुमार की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा सकीं। कुमार ने 1995 में 'मैदान-ए-जंग' के बाद अभिनय छोड़ दिया। (EXPRESS ARCHIVE)
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बतौर निर्देशक, कुमार ने 1999 में 'जय हिन्द' नाम की फिल्म से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वह फ्लॉप साबित हुई। इस फिल्म में उनके बेटे कुणाल गोस्वानी थे। (EXPRESS ARCHIVE)
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भारत सरकार ने सिनेमा में मनोज कुमार के योगदान के लिए उन्हें 1992 मं पद्म श्री से सम्मानित किया था। (EXPRESS ARCHIVE)