दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की बैठक हो रही है। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। मोदी के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से देश की नामचीन हस्तियां शामिल हैं। दावोस में यह कार्यक्रम हर साल होता है, मगर इस बार यहां भारत का और पीएम नरेंद्र मोदी का जलवा देखने को मिल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर इमारतों से लेकर सिटी बसों पर भारतीय विज्ञापन नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) में पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय संग भारत की भविष्य की गतिविधियों पर अपना ‘विजन’ पेश करेंगे। वह 20 सालों में इस सम्मेलन में भाग लेने वाले पहले भारतीय पीएम हैं। मंगलवार (23 जनवरी) को वह सम्मेलन के सत्र के दौरान अपना संबोधन देंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले स्विजरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की थी। -
दावोस स्विजरलैंड में बफीली पहाड़ियों से घिरा हुआ शहर है। पांच दिवसीय इस कार्यक्रम को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की गईं थीं। कार्यक्रम से पहले यहां नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले 'इन्वेस्ट इंडिया' के विज्ञापन देखने को मिले।
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भारत का जलवा इसी से समझा जा सकता है कि न केवल पीएम की तस्वीरें इमारतों पर नजर आई, बल्कि शहर में घूमने वाली सरकारी बसों पर भी चस्पां दिखीं। कुछ जगहों पर आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के विज्ञापन के बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर नजर आए।
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दावोस वैसे स्कीइंग और पर्यटन के लिहाज से मशहर है, मगर हर साल यहां पर डब्ल्यूईएफ की बैठक होती है। यह बैठक साल 1971 से यहां पर हो रही है। इस बार की बैठक के मद्देनजर आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने यहां पर अपने सेंटर्स खोले हैं।
साल 2018 में यानी कि इस बार यह डब्ल्यूईएफ की 48वीं सालाना बैठक है। दुनियाभर के दिग्गज नेता, अर्थशास्त्री, उद्योगपति, रणनीतिकार और अन्य जगतों से ताल्लुक रखने वाले लोग यहां आए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्यक्रम में 2000 से अधिक पत्रकार भी पहुंचे हैं। -
पीएम ने अपने इस दौरे के बारे में कहा था, "दावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की तथा इसे और मजबूत बनाने पर चर्चा की।’’ वहीं, बर्सेट बोले, "यह चर्चा दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों की मुलाकात दर्शाती है।" (सभी तस्वीरेंः एजेंसियां)
