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पिछले दिनों सोशल मीडिया पर महिलाओं ने नारी अस्तित्व की रक्षा और महिलाओं के खिलाफ नकारात्मक सोच के विरोध में तरह-तरह के कैंपेन चलाए हैं। भारत में महिलाओं ने #NoBlouse से लेकर #Lipstick Rebellion तक के कैंपेन चलाए। आइए जानते हैं ऐसे पांच बड़े कैंपेन के बारे में जिसे महिलाओं ने सोशल मीडिया पर चलाकर नई क्रांति छेड़ी।
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#NoBlouse कैंपेन में करीब 1000 भारतीय महिलाओं ने बिना ब्लाउज और पेटीकोट के साड़ी पहनकर बोल्ड तस्वीरें खिंचवाई और उसे इन्स्टाग्राम पर साड़ी डॉट मैन नाम के अकाउंट पर पोस्ट किया।
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इस कैंपेन ने न केवल महिलाओं की निर्भीक सोच को पब्लिक डोमेन में उजागर किया बल्कि नारी स्वातंत्र्य और पुरातन काल में अपनाई जाने वाली उनके ड्रेस सेंस को भी दुनिया के सामने रखा। बता दें कि पहले महिलाएं बिना ब्लाउज और पेटिकोट के यानी बिना सिलाई वाले कपड़े ही पहना करती थीं।
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ट्विटर पर चलाया गया #Lipstick Rebellion कैम्पेन काफी रचनात्मक रहा। इस अभियान के तहत बॉलीवुड के अभिनेत्रियों समेत तमाम महिलाओं ने लिपिस्टिक के साथ अपनी तस्वीर साझा की।
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अभियान ने महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति न सिर्फ जागरूक किया बल्कि उन्हें घर की दहलीज से बाहर निकाल पुरुषों के साथ बराबरी करने का भी संदेश दिया। इसमें कोंकणा सेन शर्मा, रतन शाह पाठक, अलंकृता श्रीवास्तव और एकता कपूर ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
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#FreeTheNipple महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक देने की मांग के समर्थन में साल 2014 में इस कैंपेन की शुरुआत हुई थी। इस अभियान के तहत महिलाओं की स्वतंत्रता, सुरक्षा और लैंगिर समानता की पुरजोर वकालत की गई। महिलाओं पर लागू सेंसरशिप के खिलाफ भी इस अभियान ने जोरदार आवाज उठाई पश्चिमी देशों में बड़ी संख्या में सेलिब्रिटीज ने इसमें भाग लिया और महिलाओं ने बिना ब्रा की तस्वीरें खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए।
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सलोनी चोपड़ा ने हाथों में ब्रा लेकर तस्वीर खिंचवाई थी और उसे इन्स्टाग्राम पर अपलोड किया था। भारत में इस अभियान से जुड़ने वाली वो पहली महिला बनी थीं। उन्होंने लिखा था कि भारत में महिलाओं को सेक्स की परिधि से बाहर निकालकर भी देखा जाना चाहिए।
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सलोनी चोपड़ा ने हाथों में ब्रा लेकर तस्वीर खिंचवाई थी और उसे इन्स्टाग्राम पर अपलोड किया था। भारत में इस अभियान से जुड़ने वाली वो पहली महिला बनी थीं। उन्होंने लिखा था कि भारत में महिलाओं को सेक्स की परिधि से बाहर निकालकर भी देखा जाना चाहिए।
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मासिक धर्म के प्रति जागरुकता लाने के लिए देश भर के कई गैरसराकरी संस्थाआें द्वारा अभियान चलाया जाता है। (फाइल फोटो)
#MeToo अभी हाल ही में दुनिया भर की महिलाओं ने यौन प्रताड़ना के खिलाफ #MeToo कैम्पेन की शुरुआत की थी।अब तक करीब 47 लाख महिलाओं ने फेसबुक पर इस अभियान के तहत अपने कड़वे अनुभव साझा किए हैं। -
कैम्पेन ने समाज में महिलाओं के प्रति पुरुष समाज की सोच को उजागर किया है कि कैसे किसी दोस्त, रिश्तेदार, सहपाठी, सहकर्मी या अनजान लोगों ने महिलाओं को अपनी यौन कुंठा का शिकार बनाया या फिर उससे अभद्रता की।