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भारतीय वायुसेना में पहला स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस शामिल कर लिया गया है। तेजस को एयरफोर्स में शामिल करने में कई सालों की देरी हुई। पहली खेप के रूप में दो एयरक्राफ्ट शामिल किए गए हैं। बेंगलुरु में पूजा पाठ और अन्य कार्यक्रम के बाद 'फ्लाइंग डेगर्स 45' के नाम से मशहूर इस लड़ाकू विमान को शामिल किया गया। पहले दो साल यह स्कवाड्रन बेंगलुरु में तैनात होगी। एयरफोर्स का कहना है कि इन्हें जंग की अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जाएगा। भविष्य में बेहतर सुविधाओं से लैस 80 तेजस 1ए एयरक्राफ्ट को शामिल करने का प्लान है। आइए जानते हैं तेजस से जुड़ी ऐसी बातें जो गर्व कराती हैं:
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तेजस को दुनिया का सबसे छोटा लाइटवेट मल्टी रोल सिंगल इंजन फाइटर एयरक्राफ्ट माना जाता है। यह सुपरसोनिक फाइटर की श्रेणी में शामिल हैं। (photo: ADA)
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तेजस को देशांतर यानि ज्यादा लंबा बनाया गया है ताकि गति पर असर ना पड़े। इसमें क्वाड्रप्लेक्स डिजीटल फ्लाई बाई वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम लगा है। इसका मतलब है कि इसमें मैनुअल के बजाय इलेक्ट्रॉनिक फ्लाइट सिस्टम लगाया गया। इससे बिना पायलट के भी उड़ाया जा सकता है। (photo: ADA)
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भारतीय वायुसेना का मानना है कि तेजस बेहतर है। एयरफोर्स ने कहा था, ''तेजस बेहतर है क्योंकि यह हल्का है और काफी तेज है। इसमें स्मार्ट एम्युनिशन और बम है जिससे निशाना लगाने में आसानी होती है।'' (photo: ADA)
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तेजस में अन्य देशों ने भी रूचि दिखाई है। श्रीलंका और मिस्र ने तेजस के करंट वर्जन में रूचि दिखाई है। इसके दो कारण है, एक तो इसकी कम लागत और दूसरी उड़ने की क्षमता। (photo: ADA)
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तेजस 42 प्रतिशत कार्बन फाइबर कंपोजिट, 43 प्रतिशत एल्युमिनियम अलॉय और टाइटेनियम अलॉय से बना है। एक तेजस विमान पर 250 करोड़ रुपये की लागत आती है। (photo: ADA)
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साल 2016 की शुरुआत में तेजस को बहरीन इंटरनेशनल एयर शो में शामिल किया गया था। यह एयरक्राफ्ट 2205 किलोमीटर प्रति घंटा एफओसी वर्जन और 2000 किलोमीटर प्रति घंटा आईओसी वर्जन पर उड़ सकता है। (photo: ADA)
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तेजस हवा से हवा, हवा से जमीन, एंटी शिप मिसाइल, बम और रॉकेट से लैस है। इसे मिग-21 विमान का विकल्प माना जा रहा है। (photo: ADA)
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1984 में सरकार ने सबसे पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट बनाने पर काम शुरू किया था। इसके लिए एयरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी का गठन किया गया था। 1986 में इसके लिए 575 करोड़ रुपये जारी किए गए।
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तेजस को एयरफॉर्स और नेवी के लिए सिंगल सीट फाइटर और टि्वन सीट ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है। इसका वजन 6560 किलो है। (photo: ADA)
