-
टाटा मोटर्स और इंडियन ऑयल ने मिलकर हाइड्रोजन से चलने वाली बस बनाई है। इस बस को ट्रायल के तौर पर चलाया जाएगा। यह हाइड्रोजन से चलने वाली भारत की पहली बस है। इंडियन ऑयल का रिसर्च एंड डिवेलपमेंट डिपार्टमेंट अपनी 57वां फाउंडेशन डे मना रहा है। टाटा मोटर्स और इंडियन ऑयल लंबे समय तक नए और स्वच्छ गतिशीलता समाधान की कुशलता और स्थायित्व को बेहतर ढंग से समझने के लिए हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का लंबे समय तक परीक्षण करेंगे। ऐसी परियोजनाएं भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल पर रिफलेक्ट करती हैं। टाटा मोर्टस पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए क्लीन फ्यूल से चलने वाली बस लाकर इस मामले में आगे आ गया है। (All Photos: Tata Motors)
-
हमने वोल्वो और मर्सिडीज-बेंज जैसी लक्जरी बसों को देखा है, टाटा मोटर्स की नई बसें भी स्वच्छ वातावरण का वादा करती हैं। हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नॉलोजी से चलने वाली बसें कई देशों में पहले से ही इस्तेमाल हो रही हैं। 100 से ज्यादा हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस लंदन ट्रांसपोर्ट सिस्टम में हैं।
-
हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नॉलोजी पारंपरिक इंजन से लगभग तीन गुना ज्यादा बेहतर है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल एक बैटरी की तरह काम करता है लेकिन इसे बैटरी की तरह चार्ज नहीं करना पड़ता है। फ्यूल सेल तब तक बिजली और पानी जेनरेट करता है जब तक उसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है।
-
टाटा मोटर्स ने इसी साल जनवरी में अपने पूणे प्लांट में हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बसों को पेश किया था। कंपनी ने अपनी स्टारबस इलेक्ट्रिक 9m, इलेक्ट्रिक 12m और स्टारबस हाइब्रिड 12 को पेश किया था। यह बसें हाइड्रोजन फ्यूल के मुताबिक डिजाइन और डिवेलप की गई हैं।
-
टाटा स्टारबस फ्यूल सेल बस जब चलेंगी तो केवल पानी और गर्मी निकलेगी। इन बसों से प्रदूषण नहीं होगा। इसरो का कहना है कि हाइड्रोजन बस सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए अच्छा साधन हैं।
