
देश भर की कुल 58 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही दो-तीन को छोड़ दें तो अधिकांश उम्मीदवारों का संसद पहुंचना तय है। इनमें से कई ऐसे चेहरों को बीजेपी ने तरजीह दी है जिनके नाम तो छोटे हैं मगर 2019 की लड़ाई में राहुल गांधी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस ने भी इसी रणनीति पर कर्नाटक से राज्यसभा उम्मीदवार उतारे हैं। यूपी की 10 सीटों पर बीजेपी ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं। नौंवें प्रत्याशी के रुप में निर्दलीय अनिल अग्रवाल को समर्थन दिया है। बीजेपी से टिकट पाने वालों में अशोक वाजपेयी का नाम शामिल है। ये सपा के संस्थापकों में शामिल रहे हैं और सात बार विधायक रहे हैं। हरदोई के रहने वाले हैं। पिछले साल सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। (केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के साथ अशोक बाजपेयी।) फोटो सोर्स- फेसबुक। -
हरनाथ सिंह यादव मुलायम सिंह के गढ़ मैनपुरी के रहने वाले हैं और उनके करीबी समझे जाते रहे हैं। कल्याण सिंह से भी नजदीकी रिश्ते रहे हैं। यूपी में सपा के विधान पार्षद थे। 2014 में पार्षदी जाने के बाद इन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। (अपने समर्थकों के साथ हरनाथ सिंह यादव। फोटो सोर्स- फेसबुक।)
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जीवीएल नरसिम्हा राव बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। साल 2011 में इन्होंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने की बात कही थी। ये लेखक और सोशल रिसर्चर भी रहे हैं। (फोटो सोर्स-पीटीआई)
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सकलदीप राजभर को संसद भेजकर बीजेपी पिछड़ी जाति के लोगों का भरोसा जीतना चाहती है। राजभर बलिया से ताल्लुक रखते हैं और अमित शाह की पसंद माने जाते हैं। माना जाता है कि बीजेपी के सहयोगी और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर के काट के रूप में शाह ने इन्हें खड़ा किया है। हाल के दिनों में ओमप्रकाश राजभर ने अपने बयानों से बीजेपी सरकार की किरकिरी कराई है। (परिवर्तन यात्रा में समर्थकों संग सकलदीप राजभर। फोटो सोर्स-फेसबुक)
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कांता करदम मेरठ की रहने वाली हैं और जाट समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। पश्चिमी यूपी में पार्टी में दलित चेहरे के तौर पर देखी जाती हैं। 1989 में मंडल कमेटी से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। पार्टी की महिला मोर्चा और एससी मोर्चा में भी पद संभाल चुकी हैं। (नामांकन करने के बाद अन्य बीजेपी प्रत्याशियों के साथ कांता करदम (बीच में)। फोटो सोर्स- फेसबुक)
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विजय पाल सिंह तोमर ठाकुर समुदाय से आते हैं। चौधरी चरण सिंह के साथ काम करने का इनका अनुभव है। 1991 में ये सरधना से जनता दल के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। संघ में भी इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। (फोटो सोर्स- फेसबुक)
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किरीत सिंह जितूभा राणा को बीजेपी ने गुजरात से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। इनका भी जीतना तय माना जा रहा है। 54 वर्षीय राणा केशुभाई सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2003 से 06 तक गुजरात बीजेपी के सचिव भी रहे हैं। फोटो सोर्स- फेसबुक)
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रिटायर्ड जनरल डी पी वत्स को बीजेपी ने हरियाणा से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। हरियाणा के इकलौते उम्मीदवार हैं और इनका चुना जाना तय है। एक ही गोत्र में शादी करने के विरोधी रहे हैं। खाप पंचायत की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी लड़ रहे हैं। (डी पी वत्स को मिठाई खिलाते हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर। फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
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अमी याज्ञनिक को कांग्रेस ने गुजरात से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। ये गुजरात हाईकोर्ट में वकालत करती हैं। कांग्रेस ने 2012 में इन्हें प्रवक्ता बनाया था। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ वूमेन लॉयर्स की अध्यक्ष रह चुकी हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग में भी सदस्य रह चुकी हैं। (फोटो-फेसबुक)
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एल हनुमनथैय्या को कांग्रेस ने कर्नाटक से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। 56 साल के हनुमनथैय्या दलित लेखक हैं। विधान पार्षद भी रह चुके हैं। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पसंद माने जाते हैं। कर्नाटक में 23 फीसदी दलित आबादी है। फोटो सोर्स- फेसबुक)
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सैयद नासिर हुसैन को भी कांग्रेस ने कर्नाटक से मैदान में उतारा है। माना जाता है कि 52 साल के हुसैन को राज्य सभा के पूर्व उप सभापति के रहमान खान की जगह संसद भेजने का फैसला किया गया है जो अगले महीने रिटायर हो रहे हैं। (कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ सैयद नासिर हुसैन। फोटो सोर्स- फेसबुक)