
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी हैं। दिल्ली का शाहीन बाग लगातार सुर्खियों में है। यहां की तर्ज पर कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर बरेली में हुए एक प्रदर्शन की तस्वीरें व वीडियो शेयर हो रहे हैं और लोग इसकी मिसाल देकर कह रहे हैं कि बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर शांतिपूर्ण तरीके से कैसे प्रदर्शन किया जाता है वो बरेली वालों से सीखें। 20 दिसंबर, 2019 को हुए इस प्रदर्शन की रहनुमाई ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-काउंसिल (आइएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने की थी। उन्होंने पहले ही प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी थी। जुमेे की नमाज के बाद हजारों लोगों की भीड़ इस्लमिया ग्राउंड में एकत्र हुई तो सब सहम गए थे। उग्र प्रदर्शन का डर सताने लगा। लेकिन, सब शांतिपूर्ण रहा। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों की अगुवाई करने वाले नेताओं को इसके लिए एक दिन पहले ही तैयार कर लिया था। डीएम ने उन्हें यकीन दिलाया था कि प्रशासन इस्लामिया ग्राउंड में पहुंचकर उनकी बात सुनेेेेगा। इस प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो लोग अभी भी शेयर कर रहे हैं। यहां सारी तस्वीरें सोशल मीडिया से ही ली गई हैं। इस आशंंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि कुछ लोग असल से ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए तस्वीर से छेड़छाड़ कर भी शेयर कर रहे होंगे, पर वीडियो और स्थानीय अखबारों में छपी तस्वीरों से साफ है कि असल में भी भीड़ काफी थी। एक स्थानीय पत्रकार ने जनसत्ता.कॉम को बताया कि ग्राउंड की क्षमता करीब 40-50 हजार लोगों की है और मैदान पूरा भरा हुआ था। -
21 दिसंबर, 2019 के दैनिक जागरण (बरेली संस्करण) में छपी खबर का स्क्रीनशॉट।
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बरेली में हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-काउंसिल (आइएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने किया। इसके बाद भी बरेली व अन्य कई शहरों में कई प्रदर्शन हुए।देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में तो करीब 40 दिन से महिलाएं सड़कों पर हैं। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि यह प्रदर्शन प्रायोजित है और कांग्रेस द्वारा करवाया जा रहा है। ऐसी आलोचनाओं के मद्देनजर भी सोशल मीडिया पर लोग बरेली के प्रदर्शन का उदाहरण दे रहे हैं और फोटो-वीडियो शेयर कर लिख रहे हैं कि यह पैसे पर आई भीड़ नहीं है।
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जिले के इस्लामिया कॉलेज मैदान में हुए इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो भी तेजी से वायरल हो गया है।
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#बरेली_से_सीखो हैशटैग के साथ इस प्रदर्शन के वीडियो और फोटो लोग सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं।
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तस्वीरों में भारी तादाद में लोग प्रदर्शन में शामिल दिख रहे हैं। लोगों के हाथों में तिरंगे भी नजर आ रहे हैं।
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इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लोग ये भी लिख रहे हैं कि ये पैसों से लाई गई भीड़ नहीं है..भारत की जनता है जो अपने संविधान को बचाने के लिए एकत्रित हुए है।