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शनिवार (3 मार्च, 2018) को आए उत्तरी-पूर्वी राज्यों के रुझानों में भाजपा ने धमाकेदार बढ़त बनाई है। यहां भाजपा नीत एनडीए गठबंधन तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैण्ड में से दो राज्यों में सीधी सरकार बनाने की स्थिति में आ गया है। त्रिपुरा में तो भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है। यहां पहली बार सरकार बनाने जा रही भाजपा ने लेफ्ट का किला ढहा दिया है। साल 1993 से यहां लेफ्ट का दबदबा रहा था। नागालैंड में भाजपा एनडीपीपी के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छूने के करीब पहुंच गई है। वहीं मेघालय में कांग्रेस रुझानों में अभी तक सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है। ऐसे में हम आपको यहां भाजपा के उन चार प्रमुख नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने पार्टी को उत्तरी-पूर्वी राज्यों में सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हेमंत शर्मा- साल 2015 में भाजपा में शामिल होने से पहले हेमंत शर्मा एक दशक से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस का हिस्सा रहे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से मनमुटाव के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने असम विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के बाद भाजपा आलाकमान ने उन्हें नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा की जिम्मेदारी सौंपी। जहां हेमंत शर्मा पार्टी आलाकमान की उम्मीदों पर खरे उतरे। राम माधव- भाजपा के महासचिव राम माधव उत्तरी-पूर्वी राज्यों में चुनावों के दौरान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के खास आदमी बनकर उभरे हैं। उन्होंने तीनों राज्यों ने भाजपा के पक्ष मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक टीम तैयार की। कहा जाता है कि यहां माधव के बिना के पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार खासा बहुत मुश्किल हो सकता था। जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तरी-पूर्वी राज्यों में माधव पार्टी के पक्ष में रणनीति बनाने के माहिर माने जाते हैं। नागालैंड में भी भाजपा-एनडीपीपी का गठबंधन माधव की ही कोशिशों का नतीजा बताया जाता है। -
बिप्लब आरएसएस से जुड़े रहे हैं। बिप्लब कह भी चुके हैं कि वह पार्टी द्वारा दी गई कोई भी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिप्लब कुमार देब ने कहा कि 'मैं कोई भी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हूं। मैं किसी भी जिम्मेदारी से नहीं भागूंगा, लेकिन पार्टी नेतृत्व ही आखिरी निर्णय लेगा।'
सुनील देवधर- आरएसएस के कद्दावर नेता रहे सुनील देवधर ने मेघालय में भयंकर चुनाव प्रचार किया है। कहां जाता कि उन्हीं की खास रणनीति के तहत पार्टी ने डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार किया। राजनीतिक मैदान में बिपल्ब कुमार देब को लाने में सुनील देवधर का बड़ा हाथ बताया जाता है।
