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चारा घोटाले में रांची जेल में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहन गंगोत्री देवी का सोमवार (08 जनवरी) को गोपालगंज के पंचदेवरी के चक्रपान गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। वो 75 साल की थीं। रविवार को पटना में उनका निधन हो गया था। अंतिम संस्कार में लालू यादव के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप नहीं पहुंचे थे। हालांकि, बहुत देर तक लोगों ने उनकी राह देखी। अंत में रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने गंगोत्री देवी का अंतिम संस्कार कर दिया। गंगोत्री देवी के पुत्र बालेश्वर यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले बड़ी संख्या में रिश्तेदार और राजद कार्यकर्ता वहां पहुंच चुके थे।
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गंगोत्री देवी छह भाइयों पर अकेली बहन थीं। वह पटना के वेटनरी कॉलेज के उसी सर्वेंट क्वार्टर में रहती थीं जहां लालू भी रहा करते थे और 1990 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी छह महीने तक रहकर सरकार चलाई थी।
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गोपालगंज के पंचदेवरी के चक्रपान गांव में रोते-बिलखते परिजन।
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अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में रिश्तेदार और राजद के कार्यकर्ता शामिल हुए।
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गंगोत्री देवी के तीन बेटे थे जिनमें से एक की मौत पहले ही हो चुकी है। बाकी दोनों बेटे एक रेलवे में तो दूसरा बिहार पुलिस में नौकरी करते हैं।
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गंगोत्री देवी के पुत्र बालेश्वर यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी।
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गंगोत्री देवी की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पूरे गांव में उनकी अर्थी निकाली गई।
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गंगोत्री देवी पहले से बीमार चल रही थीं लेकिन शनिवार (06 जनवरी) को भाई लालू यादव को सजा सुनाए जाने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकीं और अगले ही दिन रविवार (07 जनवरी) को उनका निधन हो गया।
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गोपालगंज के पंचदेवरी के चक्रपान गांव में गंगोत्री देवी का अंतिम संस्कार करते लोग।
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रविवार को ही देर शाम गंगोत्री देवी का शव उनके गांव चक्रपान लाया गया था।