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तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली एआईडीएमके की नेता जयललिता ने सोमवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। (FILE PHOTO)
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16 मई को हुए विधानसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक ने 134 सीटों पर विजय हासिल की है। (FILE PHOTO)
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1984 के बाद यह पहला मौका है, जब किसी पार्टी को तमिलनाडु के मतदाताओं ने लगातार दूसरी बार मौका दिया हो। (FILE PHOTO)
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जयललिता की पार्टी AIADMK की नींव 1972 में तमिल अभिनेता मरुधर गोपालन रामचंद्रन (एमजीआर) ने रखी थी। अपनी लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए एमजीआर ने मजबूत राजनैतिक पार्टी खड़ी की। (FILE PHOTO)
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एमजीआर 1977 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया। उनका निधन 1987 में हुआ था। (FILE PHOTO)
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एमजीआर के निधन के बाद यह पहला मौका है जब तमिलनाडु में कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में है। लेकिन जयललिता को एमजीआर का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए लगातार चार बार सत्ता हासिल करनी होगी। मतलब उन्हें 2021 और 2026 में चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनना होगा। (FILE PHOTO)
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एमजीआर की मौत के बाद तमिलनाडु में कभी करुणानिधि की डीएमके सत्ता में रही, तो कभी जयललिता की एआईएडीएमके। इन चुनावों में जया की लगातार दूसरी जीत के साथ बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है। (FILE PHOTO)
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जयललिता के जीवन पर एमजीआर का बहुत प्रभाव माना जाता है। वे जयललिता के राजनैतिक गुरु थे। (FILE PHOTO)
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ऐसा कहा जाता है कि एमजीआर ही जयललिता को राजनीति में लेकर आए थे, लेकिन जयललिता कहती हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से राजनीति में कदम रखा। (FILE PHOTO)
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इस साल जयललिता के शपथ लेते ही, वह अपने राजनैतिक गुरु की पंरपरा को आगे बढ़ाएंगी। (FILE PHOTO)