-
गायक और संगीतकार दलेर मेहंदी को पंजाब की पटियाला कोर्ट ने 2003 के अवैध रूप से नागरिकों को विदेश ले जाने के मामले में दोषी पाया है और 2 साल की सजा सुनाई है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने महज 13 साल की उम्र में लाइव परफॉर्मेंस देना शुरू कर दिया था और उनके एक गाने को तो अरबन डिक्शनरी तक में जगह मिल चुकी है। 2003 में बख्शीश सिंह नाम के शख्स ने दलेर मेहंदी के खिलाफ मानव तस्करी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन पर आरोप लगे थे कि वह अपने म्यूजिक कॉसर्ट के क्रू का सदस्य बताकर लोगों को विदेश ले जाते थे और इसके एवज में उनसे पैसे वसूलते थे। दलेर के भाई को भी इस मामले में दोषी करार दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1998-99 के दौरान दलेर मेहंदी और उनके भाई शमशेर सिंह 10 लोगों को अवैध तरीके से विदेश ले गए। दलेर मेहंदी को हलाकि तुरंत जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है, लेकिन उनके जीवन के बहुत से रोचक और अनसुने तथ्यों से शायद हर कोई वाकिफ न होगा। (सभी फोटो फेसबुक से)
-
दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 में बिहार के पटना में एक सिख परिवार में हुआ था। संगीत से उनका खानदानी जुड़ाव था। दलेर के माता-पिता ही संगीत में उनके गुरु थे। गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखने के लिए दलेर ने 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था।
-
दलेर मेहंदी ने महज 13 साल की उम्र में 20 हजार लोगों के सामने लाइव परफॉर्मेंस कर उनका दिल जीत लिया था। लोग उनके बारे में कहने लगे थे वह जन्मजात कलाकार हैं।
-
1994 में दलेर ने वॉयस ऑफ एशिया इंटरनेशनल एथिक्स और पॉप म्यूजिक कॉन्टेस्ट जीत लिया। इसके लिए दुनियाभर से 200 प्रतिभागिओं में वह दूसरे नंबर पर रहे थे। यह आयोजन कजाकिस्तान में हुआ था। उन्हें 'तीन दशक में मिली सबसे असली आवाज' के टाइटल से नवाजा गया था। पंजाबी भांगड़ा को भी दुनियाभर में मशहूर बनाने का क्रेडिट भी दलेर को दिया जाता है।
-
1995 में आया 'बोलो तारा रा रा' दलेर का डेब्यू एल्बम था, जिसके लिए उन्हें बड़ी सफलता मिली। इस एल्बम की करीब 20 मिलियन प्रतियां बिकी थीं और उन्हें उस नई पीढ़ी के संगीत का सरगना माना गया था जिसे 'इंडी पॉप' म्यूजिक पसंद था। इसके बाद वह लगातार कामयाबी के आसमान पर रहे। बोलो 'तारा रा रा' के लिए वी चैनल ने उन्हें बेस्ट इंडियन मेल पॉप आर्टिस्ट के खिताब से नवाजा था। यह एल्बम पंजाबियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था लेकिन अकेले केरल में ही इसकी रिलीज के 25 दिनों के भीतर करीब ढाई लाख प्रतियां बिक गई थीं।
-
दलेर मेहंदी का दूसरा एल्बम 'दर्दी रब रब' और 'हो गई तेरी बल्ले' भी जबरदस्त हिट रहे और वह पॉप के क्षेत्र में हैट्रिक लगाने वाले शख्स बन गए।
-
इसके बाद दलेर का 'तुनक तुनक तुन' गाना लोगों के दिमाग पर चढ़ गया और वह पहले एशियन आर्टिस्ट बन गए जिसे ऑनलाइन 80 मिलियन हिट्स मिले थे। भारत में ब्लू स्क्रीन तकनीकि से बनाया गया यह पहला म्यूजिक वीडियो था। तुनक तुनक तुन को रापा अवॉर्ड, चैनल वी अवॉर्ड, वीडियोकॉन अवॉर्ड और द स्क्रीन अवॉर्ड मिला।
-
तुनक तुनक तुन गाने की सफलता का अंदाजा इसी से लगा लीजिये कि 'तुनक तुनक' शब्द को अरबन डिक्शनरी तक में जगह मिली। इस शब्द का मतलब बताया गया- 'भारतीय कलाकार दलेर मेहंदी से शुरू होने वाला मादक नृत्य।'
-
1998 में दलेर मेहंदी ने कोका कोला के लिए विज्ञापन किया। कोका कोला विज्ञापन के बाद से दलेर के विदेशों में कॉन्सर्ट्स होने लगे। 1998 में उन्होंने 'दलेर मेहंदी ग्रीन ड्राइव' नाम से एनजीओ भी शुरू की। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में 'दलेर मेहंदी फूड फॉर सोसायटी' की शुरुआत की, जिसके जरिये जरूरतमंदों का खाना मुहैया कराया जाता है।