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संसद भवन के बाहर आज विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के विभिन्न घटक दलों के नेताओं ने प्रदर्शन किया।
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इस प्रदर्शन का उद्देश्य मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियर) पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर (GST) को वापस लेने की मांग करना था।
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इन नेताओं ने मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस पर से 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस लेने की मांग करते हुए मंगलवार को संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
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विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर स्वास्थ्य बीमा एवं जीवन बीमा से GST खत्म करने की मांग लिखी हुई थी।
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इन नेताओं ने जीएसटी खत्म करो के नारे भी लगाए। इस प्रदर्शन का उद्देश्य जनता के हितों की रक्षा करना और सरकार पर इस निर्णय को पुनर्विचार करने का दबाव बनाना था।
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बता दें, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते 28 जुलाई को एक पत्र लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर लागू GST हटाने की मांग की थी।
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नितिन गडकरी ने इस टैक्स को जिंदगी की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा करार दिया था। इश्योरेंस पर जीएसटी आपके प्रीमियम की राशि में इजाफा करता है और आपको ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
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आपको बता दें कि जब जीएसटी लागू हुआ था तो बीमा पर 15 प्रितिशत टैक्स लगता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद 1 जुलाई 2017 से 18 प्रितिशत टैक्स वसूला जा रहा है। टैक्स दर में 3 प्रतिशत की इस बढ़ोतरी से इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम पर सीधा असर पड़ा है, जिससे प्रीमियम की कीमतें बढ़ गईं।
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मेडिकल और जीवन बीमा पर GST हटाने या कम करने की मांग के बीच सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में लगाए गए टैक्स से सरकार को 21,256 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें 2023-24 के दौरान 8,263 रुपये सरकार के खाते में आए हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि यह सरकार कफन टैक्स लगा रही है। यह बहुत बड़ी लूट है। इसके खिलाफ INDIA गठबंधन पुरजोर विरोध करेगा।
(Photos Source: PTI)
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