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Happy Valentine's Day 2019: 7 फरवरी को रोज डे से शुरु हुआ वैलेनटाइन वीक आज यानी 14 फरवरी को अपने आखिरी पड़ाव पर है। इन सात दिनों में दुनिया भर के प्रेमी एक-दूसरे के सामने अपनी फीलिंग्स को बयां करते रहे और आज वैलेनटाइन डे सेलिब्रेट कर रहे हैं। अगर आप भी इस खास दिन को मनाने में यकीन रखते हैं तो जरा इसके महत्व पर गौर कीजिए। वैलेनटाइन रोम के एक पादरी थे, जो लोगों के बीच प्रेम का संदेश दिया करते थे। बताया जाता है कि तीसरी शताब्दी में रोम के एक क्रूर सम्राट प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाता था और उस दौर में पादरी वैलेनटाइन ने सम्राट के आदेशों को नजरअंदाज कर प्रेम का संदेश दिया था। पादरी की ऐसी गुस्ताखी पर सम्राट ने उन्हें जेल में डाल दिया और 14 फरवरी 269 को फांसी पर चढ़ा दिया था। उन्हीं के बलिदान के बाद लोगों के बीच 14 फरवरी को वैलेनटाइन डे मनाया जाने लगा। ये कहानी सुनकर आप भी समझ गए होंगे कि प्रेम का संदेश देने वाले वैलेनटाइन का अंत उस दौर में कितना दर्दनाक रहा होगा लेकिन उनका नाम हमेशा के लिए अमर रहेगा। ये तो थी वैलेनटाइन की स्टोरी लेकिन आमतौर पर भी सच्चा प्यार करने वाले शायद बहुत कम अपनी मंजिल का मुकाम हासिल कर पाते हैं। ऐसा फिल्मों में भी आपने कई बार देखा होगा। यहां हम बॉलीवुड की उन फिल्मों की लव स्टोरीज का जिक्र कर रहे हैं जिनका ऐसा अंत हुआ कि लोग थियेटर से रोते निकले।
2003 में आई फिल्म तेरे नाम तो आपने देखी ही होगी। फिल्म में सलमान खान, भूमिका चावला मुख्य लीड रोल में थी। सतीष कौशिक द्वारा निर्देशित इस फिल्म में निर्जला बनीं भूमिका एक पुजारी की लड़की का किरदार निभाती हैं तो वहीं सलमान राधे भैया की भूमिका अदा करते हैं। फिल्म में राधे को पुजारी की बेटी निर्जला से प्यार हो जाता है लेकिन उसके परिवार वालों को मंजूर नहीं होता। फिल्म के अंत में राधे पागल हो जाता है और उसकी प्रेमिका निर्जला जहर खाकर अपनी जान दे देती है। 2008 में असिन शर्मा-आमिर खान और जिया खान अभिनीत फिल्म गजनी की कहानी भी काफी दिलचस्प थी। निर्देशन ए.आर मुरुगदोस द्वारा निर्देशित फिल्म में आमिर खान एक जाने-माने बिजनेसमनै संजय सिंघानिया का किरदार निभाते हैं जबकि असिन शर्मा एक एड कंपनी में काम करने वाली सिंपल सी लड़की कल्पना का किरदार निभाती हैं। फिल्म में संजय सिंघानिया (आमिर खान) जिस दिन कल्पना (असिन शर्मा) को प्रपोज करने वाले होते हैं और उसी दिन कुछ बदमाशों द्वारा प्रेमिका की हत्या कर दी जाती है। संजय सिंघानिया अपनी प्रेमिका कल्पना तो बचाने के लिए आते हैं लेकिन तब वह बहुत देर हो चुकी होती है। बाद में हत्यारा संजय सिंघानिया पर भी हमला कर देता है जिसके बाद वह मानसिक रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। कहानी का अंत बेहद दर्दनाक होता है। सोनम और धनुष अभिनीत फिल्म रांझणा 2013 में रिलीज हुई थी, जिसका अंत भी बेहद दर्दनाक रहा। फिल्म बनारस के एक अक्खड़ लड़के की प्रेम कहानी पर आधारित है जिसके जीवन का एक ही मकसद है अपनी प्रेमिका को हासिल करना। फिल्म में सोनम स्कूल में पढ़ने वाली जोया का किरदार निभाती हैं जबकि कुंदन की भूमिका में धनुष हैं। धनुष हर कीमत पर जोया को हासिल करना चाहता लेकिन आनंद एल राय की फिल्म का अंत काफी इमोशनल होता है। फिल्म देखकर शायद ही कोई होगा जिसकी आंख से आंसू न आया होगा। -
इम्जियाज अली द्वारा निर्देशित फिल्म हाईवे 2014 में आई थी। फिल्म में आलिया और रणदीप हुड्डा मुख्य किरदार में नजर आए थे। फिल्म में आलिया एक अमीर खानदान की एकलौती बेटी का किरदार निभाती हैं वाबजूज इसके वह अपने जीवन मे कितनी उदासीन हैं इसका पता उन्हें किडनेपर रणदीप हुड्डा के साथ रहकर मालूम चलता है। अंत में फिल्म के क्लाइमेक्स में किडनेपर रणदीप को मार दिया जाता है, जिसके साथ आलिया रहना चाहती हैं। यह सीन देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते और आंखें भर आती हैं।
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फिल्म 1983 में आई थी, जिसमें श्रीदेवी और कमल हासन मुख्य भूमिका में थे। फिल्म देखकर उस दौर में सबकी आंखों से आंसू गिरे थे। फिल्म की पूरी कहानी में कमल हासन अपनी प्रियसी श्रीदेवी की याददाशत चले जाने के चलते उनकी देखभाल करते रहते हैं लेकिन जब याददाशत वापस आती है तो श्रीदेवी अपने प्रेमी को पूरी तरह से भूल जाती हैं। आखिरी सीन में ट्रेन में बैठी श्रीदेवी को कमल हासन जब बुलाने की कोशिश करते हैं तो मालूम चलता है कि वह तो उनके लिए एक अंजान शख्स हैं। इस सीन को देख दर्शकों के दिल को धक्का सा लगता है।
