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आज पूरे देश में गुरु नानक देव जी की जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसे गुरु नानक जयंती, गुरु पर्व, या गुरु नानक प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर के गुरुद्वारों में खास रौनक देखने को मिलती है। (PTI Photo)
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पंजाब के अमृतसर में स्थित प्रसिद्ध गोल्डन टेंपल इस दिन खास आकर्षण का केंद्र होता है। इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल की खास बात यह है कि इसका शीर्ष भाग सोने से बना है, जिसके कारण इसे गोल्डन टेंपल कहा जाता है। (PTI Photo)
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गोल्डन टेंपल के आंगन में एक विशाल सरोवर भी है, जिसे पवित्र माना जाता है। यहां भक्त स्नान करते हैं और मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन की शांति प्राप्त होती है। (PTI Photo)
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गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। अमृतसर में इस अवसर पर विशेष रूप से सिख श्रद्धालु और विभिन्न समुदायों के लोग एकजुट होकर भव्य नगर कीर्तन में भाग लेते हैं। इस दौरान भक्तजन भजन-कीर्तन करते हैं और गुरु नानक देव जी के उपदेशों को याद करते हैं। (PTI Photo)
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गुरु नानक देव जी का जीवन और उनके उपदेश आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की और समानता, सेवा, सत्य, और समर्पण का संदेश दिया। उनके उपदेशों में सबके प्रति प्रेम, बिना भेदभाव के सेवा और ईश्वर के प्रति असीम भक्ति का संदेश शामिल है। (PTI Photo)
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प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर गोल्डन टेंपल को खूबसूरती से सजाया गया है। जब सूरज ढलता है और रात का अंधेरा छाता है, तो गोल्डन टेंपल की रोशनी एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है। इस भव्य नजारे को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं। (PTI Photo)
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पूरी इमारत रोशनी से जगमगा उठती है, और इसकी खूबसूरती चारों ओर से लोगों को आकर्षित करती है। अमृतसर के अलवा देशभर के गुरुद्वारों को भी सजाया गया है। वहीं, अमृतसर के अलावा पटना, मुरादाबाद और भारत के दूसरे शहरों में भी श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन में भाग ले रहे हैं। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस जुलूस में भाग लिया है। (PTI Photo)
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