आज से ठीक दो साल पहले यानि 5 जनवरी 2016 को अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भारतीय वाणिज्य दूतावास को आतंकियों से बचाने के लिए खुद बल्ख प्रांत के गवर्नर अता मोहम्मद नूर ने कमान संभाली थी। अता मोहम्मद नूर दूतावास की रक्षा में लगे भारतीय जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते दिखाई दिए थे। ऐसी तस्वीरें भी सामने आई थी जिसमें अता मोहम्मद नूर हाथ में बंदूक लिए निशाना साध रहे थे। आगे की तस्वीरों में जानिए कौन है अता मोहम्मद नूर… (सभी पिक्चर्स-फेसबुक) -
अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में भारतीय वाणिज्य दूतावास यहां स्थित मजार ए शरीफ में बना हुआ है। यहां पर आधी रात को हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। ऐसे में जब ये खबर बल्ख प्रांत के गवर्नर अता मोहम्मद को पता चली तो वो खुद ही भारतीय वाणिज्य दूतावास की रक्षा करने के लिए मोर्चे पर उतर आए। दूतावास में मौजूद भारतीयों को बचाने के लिए अता मोहम्मद खुद अपनी बंदूक लिए आतंकियों को निशाना बनाते दिखे।
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दरअसल अता मोहम्मद एक पूर्व मुजाहिदीन हैं। अफगानिस्तान में जब सोवियत संघ ने अतिक्रमण किया तो अता मोहम्मद ने मुजाहिदों के एक दस्ते को प्रशिक्षित किया था। उनका निक नेम भी टीचर था। इसलिए जब मौका आया तो अता मोहम्मद बंदूक उठाने से भी पीछे नहीं हटे। इंटरनेट पर फैली तस्वीरों के नूर को एक राइफल लिए और निशाना साधते देखा जा सकता है।
इस हमले के बाद अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत अमर सिन्हा ने ट्वीट किया था, विशेष बलों द्वारा मजार में अभियान जारी है। भीषण लड़ाई जारी है। गवर्नर अता खुद निगरानी कर रहे हैं। दूतावास में सभी सुरक्षित हैं।" -
भारतीय राजनयिक मिशन में घुसने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के साथ कई घंटों चली इस लड़ाई में सुरक्षा बलों ने 3 चरमपंथियों को मार गिराया था।
