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महिलाओं के साथ बलात्कार या यौन हिंसा की घटनाएं क्यों होती हैं? इस सवाल के जवाब में अक्सर कुछ लोगों की यह धारणा सामने आती है कि पीड़ित महिला ने उस दौरान छोटे कपड़े पहने होंगे। ऐसे में कपड़ों को बलात्कार के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। प्रदर्शनी का आयोजन पीड़ित सहायता समूह सीएडब्ल्यूए ईस्ट ब्राबेंट की तरफ से किया गया है। संस्था से जुड़ी हुईं लिसवेथ केंस ने इस बारे में बताया, "प्रदर्शनी में घूमने के बाद आप पाएंगे कि वे कपड़े बेहद साधारण थे। वे ऐसे कपड़े थे जो कोई भी पहन सकता है। इस प्रदर्शनी में एक बच्चे की शर्टी भी है, जिस पर लिखा है- माय लिटिल पोनी'। ये ड्रेसेस महिलाओं के कड़वे और भयानक अनुभव की सच्चाई को दर्शाती हैं।" केंस ने आगे बताया, "पीड़िताओं पर उत्तेजित करने वाली ड्रेसेज़ पहनने, फ्लर्ट करने या देर रात में घर पर आने सरीखे आरोप मढ़ दिए जाते हैं, लेकिन असल में उस अपराध के पीछे का जिम्मेदार कोई शख्स होता है। वह वही अपराधी होता है।"
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यही धारणा गलत साबित करने के लिए और हकीकत को सामने लाने के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
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प्रदर्शनी में रेप पीड़िताओं के कपड़ों के उन कपड़ों की नुमाइश की गई, जो उन्होंने घटना के दौरान पहने थे। प्रदर्शनी लगाने वालों के अनुसार, पीड़िताओं के ये सभी कपड़े प्रदर्शनी में साफ दर्शाते है कि रेप के पीछे ये नहीं बल्कि असल में आरोपियों की मानसिकता जिम्मेदार थी।
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मोलनबीक में आयोजित 'वॉट आर यू वियरिंग?' नाम की इस प्रदर्शनी में कुल 18 ड्रेस पेश की गई हैं। इनमें टी शर्ट, शर्ट, जींस, पैजामा, ट्रैकसूट और पुलिस यूनीफॉर्म सरीखे कपड़े दर्शाए गए हैं।
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आयोजकों का इस बारे में कहना है कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि रेप के लिए महिलाओं के कपड़े जिम्मेदार नहीं होते हैं।
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आयोजकों ने आगे इस बाबत कहा कि हम लोग आज भी अपनी बेटियों को सिखाते हैं कि अपने पहनने-ओढ़ने पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन हम अपने बेटों को क्यों कुछ नहीं सिखाते हैं। (सभी तस्वीरें: फेसबुक)
