-
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिड्रोम (AES) का कहर जारी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूरे राज्य में करीब सवा सौ बच्चों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही यह आंकड़ा 100 पार कर चुका है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्चिनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया। सोमवार को बिहार सरकार ने एईएस से पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज के साथ ही एंबुलेंस सुविधा फ्री करने की घोषणा की। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि अगर कोई निजी वाहन से अस्पताल तक मरीज को लाएगा तो उसे किराया तक दिया जाएगा। इन सब के बीच प्रतिदिन अस्पताल से कफन में लिपटकर बच्चे वापस जा रहे हैं। बिलखती मां, चीखते पिता और बेजान बच्चे की तस्वीर किसी को भी विचलित कर सकती है। (Photo: PTI)
-
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में भर्ती एक बच्चे में एईएस का लक्षण दिखने के बाद इलाज करते डॉक्टर और अनहोनी के भय से रोती मां। (Photo: PTI)
-
एईएस का लक्षण दिखने के बाद एसकेएमसीएच अस्पताल में इलाजरत बच्चे। एईएस से प्रभावित अधिकांश बच्चों की उम्र 10 साल से कम है। (Photo: PTI)
-
एईएस की वजह से अपने बच्चे की मौत के बाद परिजन बिलख रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल में बीमार बच्चे आ रहे हैं और कफन में लिपटकर वापस जा रहे हैं। मां चीख रही हैं और पिता के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा है। कल तक हंसने-खेलने और जिद करने वाला मासूम बेजान हो चुका है। (Photo: PTI)
-
सुबह से लेकर शाम तक एईएस लक्षण वाले बच्चे अस्पताल में आ रहे हैं। उनके इलाज के लिए एसकेएमसीएच में जगह कम पड़ गई है। (Photo: PTI)
-
इतने ज्यादा संख्या में बच्चे एईएस से प्रभावित हो रहे हैं कि मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में उनके लिए पर्याप्त बेड नहीं हैं। एक बेड पर 2 से चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है। (Photo: PTI)
