कड़वी दवाई देकर ठीक करते तो आपने हजारों डॉक्टर देखें होंगे लेकिन क्या आपने वीडियो गेम खेलेने से ठीक होते मरीज देखें हैं। जी हां, दुनिया में कई बिमारियों के कुछ ऐसे इलाज भी होते हैं जो आपने सुने भी नहीं होंगे। आपको पढ़ने में चाहें ये बेहद अजीबोगरीब लगें लेकिन इन्हें कराने के लिए कई बार लोग दूसरे देशों तक से आते हैं। आगे कि स्लाइड में देखिए कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब इलाज…. -
डॉ फिश के नाम से ही मशहूर ये मछलियां कई प्रकार के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होती है। ऐसा माना जाता है कि लकवे के मरीजों पर ये विशेष प्रकार से प्रभाव डालती है। साथ ही जोड़ों का दर्द और दूसरी स्किन की बिमारियों में भी डॉ फिश को इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। टर्की के एक होटल में लोग ये स्पा कराने के लिए दूसरे देशों तक से आते हैं।
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दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लिमा में डॉल्फिन थेरेपी की जाती है। इस थेरेपी में गर्भवती मां के पेट को डाल्फिन टच करती है। माना जाता है डॉल्फिन के हाई फ्रीक्वेंसी साउंड से पैदा होने वाले बच्चे में न्यूरो संबंधी समस्याएं नहीं होती।
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इंडोनेशिया के लोकल लोग ट्रेन की पटरियों पर लेट जाते हैं जब दूसरी वाली रेलवे लाइन से ट्रेन गुजर रही होती है। लोगों की मान्यता है कि ट्रेन और लोहे की पटरी के घर्षण से उत्पन्न होने वाली उर्जा से उन्हें कई प्रकार की बिमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है।
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देशी खेल-खिलौनों का बच्चों के मानसिक और सामाजिक विकास में अहम योगदान है।(प्रतीकात्मक तस्वीर)
जापान की राजधानी टोक्यो में घोंघे की मदद से फेशियल किया जाता है। सैलून के मालिक का कहना है कि घोंघे स्कीन की सभी गंदे धब्बे हटा देते हैं और साथ ही चेहरे की ड्राइनेस भी खत्म कर देते हैं। -
रशिया में बर्फबारी के दौरान बच्चों को ठंडे पानी से नहलाया जाता है। लोगों का मानना है इस प्रकार से बच्चें फिट रहते हैं और उनकी सेहत भी अच्छी रहती है।
भारत के शहर हैदराबाद में लोग जिंदा मछली निगल जाते हैं। लोगों का मानना है कि इस इलाज से अस्थमा और दूसरी सांस संबंधी बिमारियों का इलाज किया जा सकता है। -
कंबोडिया में लोग गोमूत्र पीते हैं। उनका मानना है कि इससे कई प्रकार की बिमारियां ठीक होती हैं। कंबोडिया बेहद गरीब देश है। यहां की एक तिहाई आबादी 1 डॉलर प्रतिदिन से भी कम कमा पाती है ऐसे में वो आधुनिक मेडिकल इलाज वहन नहीं कर पाते।