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भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस के खास कार्यक्रम ‘एक्सप्रेस अड्डा’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गणेश चतुर्थी पूजा में शामिल होने को लेकर उठे सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। (Express photo by Amit Mehra)
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इस चर्चा के दौरान, उनसे प्रधानमंत्री के साथ उनके घर में पूजा में शामिल होने पर उठे विवाद पर सवाल किया गया, जिसका उन्होंने सधे हुए और स्पष्ट तरीके से जवाब दिया। (Express photo by Amit Mehra)
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इस साल 11 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के निवास पर पूजा में शामिल हुए थे। इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आने के बाद इसे लेकर कुछ वकीलों और राजनीतिक दलों द्वारा आलोचना की गई। (Express photo by Amit Mehra)इस साल 11 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के निवास पर पूजा में शामिल हुए थे। इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आने के बाद इसे लेकर कुछ वकीलों और राजनीतिक दलों द्वारा आलोचना की गई।
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हालांकि, एक वर्ग ने इस मुलाकात को सामान्य और सही ठहराया। कार्यक्रम के दौरान चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री का उनके घर पर आना एक निजी आयोजन था और इसका न्यायिक स्वतंत्रता से कोई लेना-देना नहीं है। (Express photo by Amit Mehra)
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मुख्य न्यायाधीश ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद सामान्य और अनिवार्य होता है, खासकर अदालत के कार्यों के लिए। यह हमारे देश के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है।” (Express photo by Amit Mehra)
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उन्होंने समझाया कि गणेश चतुर्थी का अवसर एक धार्मिक और व्यक्तिगत आयोजन था और इसमें किसी तरह की अनैतिकता या समझौते जैसी बात नहीं थी। चंद्रचूड़ ने आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि इस तरह की मुलाकातें सामान्य होती हैं और इनका उद्देश्य समझौते करना नहीं होता। (Express photo by Amit Mehra)
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उन्होंने भरोसा जताने का अनुरोध करते हुए कहा, “कृपया, हमारे ऊपर विश्वास रखें। हम वहां कोई समझौते करने के लिए नहीं थे।” चंद्रचूड़ से यह भी सवाल किया गया कि क्या वह इस तरह के निजी आयोजन में अन्य जजों या विपक्षी नेताओं को भी शामिल करना पसंद करेंगे। (Express photo by Amit Mehra)
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इस सवाल पर उन्होंने मजाकिया लहजे में जवाब देते हुए कहा, “अगर मैंने विपक्ष के नेता को बुलाया होता, तो यह किसी सेलेक्शन कमिटी की बैठक जैसा प्रतीत होता।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या सीबीआई निदेशक की नियुक्ति जैसी मीटिंग नहीं थी, जिसमें विपक्षी नेताओं की आवश्यकता होती। (Express photo by Amit Mehra)
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बता दें, चंद्रचूड़ 10 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। अपने कार्यकाल के दौरान चंद्रचूड़ ने न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता, स्वतंत्रता, और लोकतांत्रिक संवाद की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। (Express photo by Amit Mehra)
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