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25 जून 2025 का दिन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। 41 साल बाद एक बार फिर कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है। भारत के लिए गर्व की बात है कि इस बार हमारे देश के एक और वीर सपूत, एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गए हैं। (Photo Source: axiomspace.com)
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शुभांशु शुक्ला Axiom Mission 4 के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इस मिशन ने न केवल देशवासियों को गर्व महसूस कराया है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को भी एक नई दिशा दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं, शुभांशु शुक्ला के बारे में क्या-क्या खास बातें हैं, जो उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के योग्य बनाती हैं? (Photo Source: axiomspace.com)
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शुभांशु शुक्ला की शिक्षा और करियर
शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा सिटी मोंटेसरी स्कूल, अलीगंज से की। कक्षा के दिनों से ही उनका रुझान विज्ञान और तकनीक की ओर था, और यही कारण था कि उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर UPSC NDA परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। (Photo Source: axiomspace.com) -
भारतीय वायुसेना में प्रवेश
शुभांशु शुक्ला ने 2006 में भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्राप्त किया। वे वायुसेना के एक अनुभवी पायलट हैं और करीब 2000 घंटे का उड़ान अनुभव रखते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के विमानों, जैसे कि Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier 228 और An-32 पर उड़ान भरी है। (Photo Source: axiomspace.com) -
अंतरिक्ष यात्री बनने की यात्रा
शुभांशु शुक्ला ने 2019 में भारतीय ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम के लिए चयन प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इसके बाद, वे रूस गए और वहां के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में 2020 में चार अन्य चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बुनियादी प्रशिक्षण लिया। 2021 में उनका प्रशिक्षण पूरा हुआ और वे भारतीय अंतरिक्ष यात्री टीम का हिस्सा बन गए। (Photo Source: axiomspace.com) -
Axiom Mission 4 और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
Axiom Mission 4 के हिस्से के रूप में शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत की है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना है और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊचाई पर पहुंचाना है। वे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं, इससे पहले राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष गए थे। शुभांशु शुक्ला के इस मिशन को लेकर भारतीय वायुसेना ने भी अपनी खुशी जताई है और इसे देश के गौरव को नई ऊंचाई देने वाला माना है। (Photo Source: axiom.space/instagram)
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Axiom-4 मिशन एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग है जिसमें NASA, SpaceX और ISRO मिलकर काम कर रहे हैं। शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका में हैं। उनके साथ अंतरिक्ष में कमांडर पेगी विट्सन और मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस उज़नान्स्की और टिबोर कपू गए हैं। (Photo Source: axiomspace.com)
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निजी जीवन और रुचियां
शुभांशु शुक्ला के निजी जीवन की बात करें तो वे डॉ. कामना मिश्रा से विवाहित हैं, जो एक डेंटिस्ट हैं और स्कूल के दिनों की उनकी साथी हैं। उनका एक बेटा भी है। उनके पिता, शंभु दयाल शुक्ला, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं और मां, आशा शुक्ला, गृहिणी हैं। शुभांशु शुक्ला के परिवार में दो बड़ी बहनें भी हैं, जिनमें एक MBA और दूसरी एक स्कूल टीचर हैं। (Photo Source: axiomspace.com)
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वहीं, अपने व्यस्त जीवन के बावजूद शुभांशु शुक्ला शारीरिक व्यायाम, विज्ञान से संबंधित किताबें पढ़ने और हाल ही में ज्योतिष शास्त्र में रुचि रखने लगे हैं, हालांकि वे खुद को अग्नॉस्टिक मानते हैं। इसके अलावा, उन्हें एस्ट्रोफोटोग्राफी का भी शौक है। (Photo Source: axiomspace.com)
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शुभांशु शुक्ला का योगदान
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन केवल उनके व्यक्तिगत कारनामे का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने अपने मिशन के दौरान यह कहा था कि यह यात्रा केवल उनकी नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। (Photo Source: axiomspace.com) -
इस ऐतिहासिक यात्रा के साथ ही शुभांशु शुक्ला ने न केवल भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाया है। उनके इस मिशन से न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी अपने सपनों को ऊंचाई पर ले जाएं। (Photo Source: axiomspace.com)
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