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दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और जाम की समस्या से निजात पाने के वास्ते जन जागरुक अभियान के तहत आज दिल्ली में 'कार फ्री डे' मनाया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर ''अब बस करें'' के स्लोगन के साथ लाल किले से इंडिया गेट तक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। (फोटो: रवि कनोजिया)
केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के साथ खुद भी रैली में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि कहीं आने जाने के लिए साइकिल की सवारी एक बेहतर विकल्प है। दिल्ली में रास्तों पर साइकिल के लिए एक अलग ट्रैक हो तो बेहतर हो सकता है लेकिन प्रदूषण के स्तर और यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों को देखते हुए फिलहाल दिल्ली की सड़कों पर साइकिल चलाना खतरनाक है। (फोटो: रवि कनोजिया) -
उन्होंने कहा कि लोगों में निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए ही कार फ्री डे अभियान की शुरुआत की गई है। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इसके लिए दिल्ली मेट्रो से अपने परिचालन को बढ़ाने का अनुरोध किया है। (फोटो: रवि कनोजिया)
सिसौदिया ने कहा कि सार्वजनिक बस सेवा में सुधार आने से अब कार फ्री डे अभियान को सफल बनाने में बहुत मदद मिलेगी। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि लोगों में जागरुकता लाने के लिए हर महीने की 22 तारीख को कार फ्री डे मनाया जाएगा। (फोटो: रवि कनोजिया) आज के कार फ्री डे अभियान में आम लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने भी हिस्सा लिया और लोगों को लाने ले जाने के लिए कई स्थानों पर अपनी मुफ्त सेवाएं भी दी। ट्रैफिक पुलिस की ओर से विशेष प्रबंध किए गए थे जिसके तहत लाल किले, चांदनी चौक और उच्चतम न्यायालय के पास रैली में हिस्सा लेने आने वालों के लिए निजी वाहनों की पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई थी। (फोटो: रवि कनोजिया) -
लाल किले से इंडिया गेट तक कार फ्री डे रूट पर निजी वाहनों पर रोक के कारण इस मार्ग पर 20 अतिरिक्त शटल बस सेवा चलाई गई। तिलक मार्ग पर रिहायशी आवासों में रहने वाले लोगों को रूट बंद होने से परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि अभियान एक अच्छी पहल है लेकिन त्योहार के दिन रूट बंद करने से दिक्कत आ रही है। (फोटो: रवि कनोजिया)
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ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में व्यस्ततम घंटों के दौरान रोजाना लोगों के औसतन 90 मिनट ट्रैफिक जाम में बर्बाद हो जाते हैं और साढे ग्यारह करोड़ रुपये का ईंधन बर्बाद होता है। इन व्यस्ततम घंटों में वाहनों की रफ्तार पांच किलोमीटर प्रति घंटे तक सिमट जाती है। यह बड़ी समस्या है जिससे निपटने के लिए आम लोगों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के इस्तेमाल की आदत डालनी जरुरी है। कार फ्री डे अभियान इसी को ध्यान में रखकर चलाया गया है। (फोटो: रवि कनोजिया)
