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हर साल 3 जून को पूरी दुनिया में ‘विश्व साइकिल दिवस’ (World Bicycle Day) मनाया जाता है। यह दिन उस अद्भुत साधन को समर्पित है जो न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है, बल्कि हमारी सेहत, फिटनेस और जीवनशैली को भी बेहतर बनाता है। साइकिलिंग न सिर्फ एक मनोरंजक गतिविधि है, बल्कि यह सेहतमंद रहने का एक बेहतरीन तरीका भी है। (Photo Source: Pexels)
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साइकिलिंग: हर उम्र के लिए फायदेमंद
चाहे आप 7 साल के हों या 70, साइकिल चलाना एक मजेदार और स्वस्थ एक्सरसाइज है जो दिल को मजबूत बनाती है, मांसपेशियों को टोन करती है और मानसिक तनाव कम करती है। आइए जानते हैं, उम्र के अनुसार साइकिल चलाने का सही समय और इससे मिलने वाले फायदे। (Photo Source: Pexels) -
उम्र के अनुसार साइकिलिंग की सलाह
5 से 12 साल के बच्चे: रोजाना कम से कम 1 घंटे की कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूरी होती है। साइकिल चलाना इस उम्र के बच्चों के लिए सबसे मजेदार और उपयोगी व्यायाम है। (Photo Source: Pexels) -
13 से 19 साल के किशोर: रोजाना करीब 60 मिनट तक साइकिलिंग या कोई अन्य एक्टिविटी करनी चाहिए। इससे शारीरिक विकास होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक तनाव कम होता है। (Photo Source: Pexels)
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20 से 64 साल के वयस्क: हफ्ते में 150 से 300 मिनट तक मध्यम गति से या 75 से 150 मिनट तक तेज गति से साइकिल चलाना स्वास्थ्य के लिए उत्तम रहता है। ऑफिस या कॉलेज आने-जाने के लिए साइकिल का उपयोग भी एक अच्छा विकल्प है। (Photo Source: Pexels)
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65 साल से ऊपर बुजुर्ग: हल्की या मध्यम गति से कम से कम 150 मिनट साइकिलिंग करनी चाहिए। ऐसे रास्ते चुनें जहां चढ़ाई-उतार आसान हो ताकि शरीर पर ज्यादा दबाव न पड़े। (Photo Source: Pexels)
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साइकिल चलाने के उम्र के अनुसार फायदे
बच्चे और किशोर: हड्डियां मजबूत होती हैं, मांसपेशियां विकसित होती हैं, दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है और तनाव कम होता है। (Photo Source: Pexels) -
युवा (20-30 वर्ष): फिटनेस बनी रहती है, वजन नियंत्रित होता है, दिल और फेफड़ों की सेहत सुधारती है। साथ ही, पर्यावरण को भी बचाने में मदद मिलती है। (Photo Source: Pexels)
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मध्यम उम्र के लोग (40-60 वर्ष): जोड़ों की सेहत बनी रहती है, हार्ट डिजीज, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है। मानसिक तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। (Photo Source: Pexels)
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बुजुर्ग: जोड़ों की मूवमेंट बनी रहती है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बैलेंस सुधरता है जिससे गिरने का खतरा कम होता है। मूड बेहतर रहता है और दिमाग भी चुस्त रहता है। (Photo Source: Pexels)
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किन लोगों को साइकिल चलाने में सावधानी बरतनी चाहिए?
हालांकि साइकिलिंग आमतौर पर सुरक्षित और फायदेमंद है, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें इसे शुरू करने से पहले सावधानी रखनी चाहिए:
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गठिया या जोड़ों में चोट वाले लोग: साइकिल चलाते समय दर्द बढ़ सकता है, इसलिए हल्के से शुरुआत करें और सही सीट तथा पोजिशन चुनें। (Photo Source: Pexels)
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बैलेंस की समस्या वाले लोग: ऐसे लोगों को गिरने का खतरा हो सकता है। उनके लिए स्टेशनरी बाइक या जिम की एक्सरसाइज बेहतर होती है। (Photo Source: Pexels)
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हाल ही में सर्जरी करवाने वाले: खासकर कूल्हे, रीढ़ या दिल की सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह के बिना साइकिलिंग न करें। (Photo Source: Pexels)
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दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर वाले: कड़ी मेहनत से बचें, धीरे-धीरे एक्सरसाइज शुरू करें और हार्ट रेट पर नजर रखें। (Photo Source: Pexels)
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गर्भवती महिलाएं: बाहरी साइकिलिंग में बैलेंस का खतरा रहता है, इसलिए इंडोर या स्टैटिक बाइकिंग ही सुरक्षित है। (Photo Source: Pexels)
