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आयुर्वेद में लौकी का काफी खास महत्व है। इसे वह कई सारी गंभीर समस्याओं में इस्तेमाल करता है। लौकी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। इसका जूस ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। लौकी में कैलोरी कम, पानी ज्यादा और पोषक तत्व भरपूर होते हैं जिससे यह दिल और मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अच्छा साथी बन जाता है। (Photo: Unsplash) 20-30 की उम्र में हृदय रोग के 5 लक्षण, खतरनाक साबित हो सकता है अनदेखा करना
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लौकी के जूस में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और कई बायोएक्टिव तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर में सूजन कम करने, पाचन को हल्का रखने और दिल के कामकाज को सुचारू बनाने में मदद करता है। अगर इसे नियमित रूप से और सही मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाता है। (Photo: Freepik)
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ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के लिए क्यों फायदेमंद है?
लौकी में पोटेशियम, विटामिन C, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो दिल और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। लौकी में 90 प्रतिशत से भी अधिक पानी होता है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है, शरीर के तापमान(गर्मी) को संतुलित रखता है और किडनी को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है, जिससे ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है। (Photo: Unsplash) -
लौकी में मौजूद घुलनशील फाइबर पाचन को धीमा करता है और ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने से रोकता है। इसकी हल्की ड्यूरेटिक प्रक्रिया शरीर से अतिरिक्त सोडियम बाहर निकालने में मदद कर सकती है जिससे हाई BP को कम करने में मदद मिलती है। इसके पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनोइड्स शरीर में सूजन कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने का काम करते हैं। (Photo: Freepik) आंख से लेकर दिल तक का ख्याल रखती है ब्रोकली, शरीर को मिलते हैं यह 10 लाभ
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लौकी जूस ब्लड शुगर को स्वाभाविक रूप से कैसे नियंत्रित करता है
लौकी में पाए जाने वाले पोषक तत्व शुगर मेटाबॉलिज्म को सुधारने, इंसुलिन को ठीक करने और पैंक्रियाज को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह प्रीडायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। (Photo: Unsplash) -
लौकी का जूस कैसे ब्लड शुगर को कम करता है
दरअसल, फाइबर के कारण ग्लूकोज धीरे-धीरे ब्लड में जाता है, जिससे शुगर स्पाइक नहीं होता। इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, जिससे कोशिकाएं शुगर को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करती हैं। पाचन तंत्र की सूजन कम करके मेटाबॉलिज्म सुधरता है। ज्यादा देर तक पेट भरा महसूस होता है, जिससे ओवरईटिंग कम होती है। इस तरह लौकी जूस ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए एक बेहतर प्राकृतिक तरीका है। (Photo: Freepik) -
हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर के लिए लौकी जूस के लाभ
आयुर्वेद में लौकी जूस को हृदय के लिए ठंडक देने वाला और शरीर को शांत रखने वाला पेय माना गया है। इसमें मौजूद पोटैशियम सोडियम को संतुलित रखता है जो, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। (Photo: Freepik) किन विटामिन्स की कमी से अधिक लगती है ठंड? इन फूड्स के सेवन से शरीर को मिलती है गर्मी -
नियमित सेवन के लाभ
लौकी जूस के नियमित सेवन से रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स कर बेहतर रक्त संचार में मदद मिलती है। साथ ही अतिरिक्त सोडियम शरीर से बाहर निकल सकता है जिससे हाई बीपी की समस्या कम हो सकती है। कोलेस्ट्रॉल घटाने में जिससे धमनियां साफ रहती हैं। दिल पर पड़ने वाला दबाव कम करने में मदद मिलती है। इसके हल्के ड्यूरेटिक प्रभाव से शरीर में सूजन और पानी की रिटेंशन भी कम होती है। (Photo: Freepik) -
आंत का संबंध
हमारा गट ही ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों को प्रभावित करता है। ऐसे में लौकी जूस हल्का होने के कारण आसानी से पचता है और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। लौकी फाइबर होता है जो अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है जिससे शुगर मेटाबॉलिज्म सुधरता है, ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है और शरीर में सूजन कम होती है। (Photo: Freepik) -
कितना और कब पिएं लौकी का जूस
लौकी का जूस सुबह खाली पेट सेवन करने की सलाह दी जाती है। नियमित रूप से 100-150 ml ताजी लौकी जूस पीने से ये सारे लाभ मिल सकते हैं। इसमें आंवला, पुदीना और खीरा मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है। हफ्ते में 3-4 बार इसका सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। (Photo: Freepik) किस विटामिन की कमी से लिवर डैमेज होता है? जानें कैसे करें इसकी पूर्ति