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महाभारत के महान ज्ञानी और नीतिकार विदुर ने जीवन के हर क्षेत्र के लिए गहरी शिक्षाएं दी हैं। विदुर नीति में उन्होंने कई ऐसी बातें कही है जिसे अपना कर सरल तरीके से जीवन यापन किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को लेकर भी कई बातें बताई हैं। विदुर नीति में कहा गया है कि कौन सी सात चीजें विद्यार्थियों के लिए दोष के समान हैं। (Photo: ChatGPT) गीता उपदेश: ऐसे लोगों को कोई नहीं हरा सकता, बुरे नहीं अच्छे समय में भी याद रखें गीता के 10 उपदेश
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1- आलस्य
विद्यार्थी जीवन में आलस्य दोष के समान होती है। आलस्य करने वाला छात्र कभी विद्वान नहीं बन सकता है। -
2- मद-मोह
अहंकार या घमंड करना छात्रों के लिए ठीक नहीं होता है। वहीं, छात्रों को किसी भी वस्तु या फिर व्यक्ति के प्रति अत्यधिक लगाव भी नहीं करना चाहिए। -
3- चंचलता
छात्र जीवन में अधिक चंचलता भी दोष के समान है। छात्रों को अपने मन को वश में करके अध्ययन करना चाहिए। विदुर नीति: कामयाबी के गुण, ऐसे सात लोग महान बनते हैं -
4- गोष्ठी
बिना वजह कहीं पर भी बैठकी करना या फिर ऐसी सभा में जाना जहां से कुछ सीख न सके यह भी छात्रों के लिए दोष के समान है। -
5- उद्दंडता
विद्यार्थी जीवन में मनमानी करना भी किसी दोष से कम नहीं है। ऐसे छात्र कभी विद्वान नहीं बन पाते हैं। -
6- अभिमान
एक छात्र को अपनी उपलब्धियों और योग्यताओं पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। छात्रों के लिए अभिमान दोष के समान होता है। -
7- लोभ
छात्र जीवन में लोभ सिर्फ विद्या से होनी चाहिए। इसके अलावा अन्य किसी भी चीज के लिए लोभ नहीं करना चाहिए। जया किशोरी: एक दिन जरूर अमीर बनते हैं ऐसे लोग, खुद चलकर आता है पास