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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बेहद ही खास महत्व है। यह पंद्रह दिन पूर्वजों की शांति और सम्मान के लिए श्राद्ध व तर्पण के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वज सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर आकर अपने वंशजों द्वारा अर्पित तर्पण ग्रहण करते हैं। (Photo: PTI)
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पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। मान्यता है कि इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। (Photo: PTI)
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1- बाल-नाखून
पितृ पक्ष के 15 दिनों तक बाल या नाखून नहीं काटने की सलाह दी जाती है। यह अनुशासन पूर्वजों के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। (Photo: PTI) -
2- भोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष के दौरान तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज, अंडा, मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दौरान शुद्ध सात्विक आहार लेना चाहिए। (Photo: PTI) -
3- इन्हें कराएं भोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। खासकर अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि पर जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए। (Photo: PTI) -
4- नई शुरुआत
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। साथ ही खरीदारी करने से भी बचना चाहिए। (Photo: PTI) -
5- दान का महत्व
पितृ पक्ष में दान का बेहद ही खास महत्व है। मान्यता है कि गरीबों को भोजन, वस्त्र, जूते, कंबल और अन्य आवश्यक चीजों का दान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है। (Photo: PTI) -
6- पशु-पक्षियों को भोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्वज कौवे, गाय और कुत्ते के रूप में हमारे घर आते हैं। ऐसे में इन्हें भोजन जरूर करना चाहिए। (Photo: Indian Express) -
7 तर्पण और पिंडदान
पितृ पक्ष के दौरान दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काले तिल, जौ और कुश मिलाकर तर्पण करना चाहिए। साथ ही पिंडदान भी करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे पितरों को शांति और मोक्ष मिलता है। (Photo: PTI) पितृ पक्ष के दौरान इन तीन जानवरों को जरूर खिलाना चाहिए खाना, जानें पूजा-पाठ के नियम