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दिल का दौरा यानी कि हर्ट अटैक आजकल बहुत तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता जा रहा है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में 50 साल की उम्र पार करने वाले मरीज ही होते हैं। एक शोध के मुताबिक तकरीबन 50 प्रतिशत मरीज 50 साल के ऊपर होते हैं। युवाओं में भी आजकल हर्ट अटैक के बहुत सारे मामले देखने को मिल रहे हैं। ज्यादातर मामलों में दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में खून का थक्का बनने की वजह से दिल का दौरा पड़ता है। यह कभी कभी जानलेवा भी हो जाता है। ऐसे में अपनी जान बचाने के लिए हर्ट अटैक आने के तुरंत बाद आप ये कुछ उपाय आजमा सकते हैं।
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हर्ट अटैक आने पर सबसे पहले मेडिकल हेल्प के लिए कॉल कर देना चाहिए। कई बार मामले को खुद निपटाने की वजह से स्थिति और खराब हो जाती है।
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हर्ट अटैक आने पर आपको जोर जोर से खांसना चाहिए इससे फेफड़े आक्सीजन से भर जाते हैं। खांसने से दिल की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और सांसों की वजह से फूलती हैं। इस तरह से आपका रक्त संचार अबाध रूप से होने लगता है और आपके बचने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
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हर्ट अटैक आते ही रोगी को सीधा लेटने के लिए कहें तथा उसके कपड़ों को ढीला कर दें ताकि वह बेचैनी महसूस न करे।
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रोगी के आस पास न इकट्ठे हों। उसे सांस लेने के लिए हवा आने दें। कमरे की खिड़कियां आदि खोल दें और रोगी को लंबी-लंबी सांसे लेने को कहें।
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रोगी को अगर उल्टी आ रही है तो उसे एक तरफ मोड़ दें। इससे जब वह उल्टी करता है तो उल्टी शरीर के अन्य भागों जैसे लंग्स आदि में नहीं जाती।
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रोगी के दोनों पैरों को ऊपर उठा दें। इससे दिल को रक्त की आपूर्ति ठीक तरह से हो पाती है और जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
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इस दौरान रोगी को कुछ भी खिलाने पिलाने की गलती न करें। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
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पल्स रेट बहुत ज्यादा कम होने पर रोगी के सीने पर हथेली से दबाव देने से थोड़ी राहत जरूर मिलती है लेकिन इसके लिए आपको इसका ठीक तरीका पता होना चाहिए। गलत तरीके से करने पर मामला और गंभीर हो सकता है।
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रोगी का पल्स रेट अगर 60-70 से कम है तो वह गंभीर स्थिति में है। ऐसे में तत्काल चिकित्सकीय मदद लेने की जरूरत है।