-
प्रतापगढ़ (Pratapgadh) के कुंडा से 6 बार विधायक रह चुके रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) ऊर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) का राजनैतिक सफर साल 1993 से शुरू हुआ था। राजा भैया शाही परिवार से आते हैं और उनकी मां और पत्नी भी राजघरानों से आई हैं। भले ही देश में राजाशाही प्रथा खत्म हो गई लेकिन कुंडा में आज भी राजा भैया का दरबार लगता है। तो चलिए आज राजा भैया के शाही परिवार, शौक और कार्यप्रणाली के बारे में जानें।
-
राजा भइया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में हुआ था। पिता उदय प्रताप सिंह और मां मंजुल राजे के इकलौते बेटे हैं राजा भैया। उनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं।
-
jराजा भैया की मां मंजुल राजे भी राजघराने से जुड़ी रही हैं, वहीं उनकी पत्नी भानवी कुमारी बस्ती के शाही राजघराने से आती हैं। इसे भी पढ़ें – राजा भैया के परिवार में बेटियां नहीं नहीं पत्नी भी हैं काफी हुनरमंद, जानें परिवार से जुड़ी खास बातें
-
राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं। राजा भैया परिवार के पहले ऐसे सदस्य रहे हैं जो राजनीति से जुड़े। हालांकि अब परिवार के कुछ अन्य लोग भी राजनीति में आ चुके हैं।
-
राजा भैया में राजशाही शौक भी हैं। घुड़सवारी, प्लेन उड़ाना, शूटिंग, शिकार और जंगल सफारी जैसे कई शाही शौक रहे हैं।
-
राजा भैया का प्रतापगढ़ में हनक काफी रहा है। खास बात ये है कि राजा भैया के कुंडा क्षेत्र स्थित घर बेंती कोठी में सप्ताह में दो दिन आज भी दरबार लगता है।
-
भारत समाचार को दिए इंटरव्यू में राजा भैया ने बताया था कि उनके यहां सप्ताह में दो बार दरबार इसलिए लगता है, क्योंकि यहां क्षेत्रीय लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और वे कोर्ट-कचहरी के चक्कर में अपने 20 या 30 साल बर्बाद नहीं करना चाहते। यहां सुलह समझौते से विवाद खत्म किया जाता है।
-
राजा भैया ने बताया कि घरेलू हिंसा से लेकिर पारिवारिक विवाद, जमीन विवाद, नाली-खडंजा से जुड़े हर तरह के विवाद दरबार में आते हैं।
-
राजा भैया ने समस्याओं को हल करने के लिए खुद की एक ब्रिगेड बना रखी है। जिसे लोग राजा भैया यूथ ब्रिगेड के नाम से जानते हैं। इस टीम में हजारों की संख्या में युवा शामिल हैं। माना जाता है राजा भैया का ये ब्रिगेड समस्या का हल निकालने की कोशिश करता है।
-
बता दें कि राजा भैयार के इस दराबार में बकायदा रजिस्टर मैंटेन होता है। इसमें सबका डाटा लिखा जाता है। उनकी समस्या नोट होती है। उस पर कार्रवाई करने के लिए लिखापढ़ी होती है।
-
बता दें कि राजा भैया छठवीं बार विधायक रहे हैं और जब से वह चुनाव लड़ना शुरू किए कोई चुनाव अब तक नहीं हारे हैं।
