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सनातन धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बेहद ही खास होता है और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाते हैं। जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान कृष्ण का पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जन्माष्टमी का व्रत रखते समय कई नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। (Indian Express)
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वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार अगर इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो साधकों का व्रत और पूजा दोनों ही खंडित हो सकती है। (PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक जन्माष्टमी के दिन जो व्रत रख रहे हैं और जो नहीं रख रहे हैं उन्हें भी सच्चे मन से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद लड्डू गोपाल का श्रृंगार करना चाहिए। फूलों और आभूषण से उन्हें सजाएं। (PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार दिनभर भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। इस दिन श्री कृष्ण के जन्म अवतार की लीलाओं की कथा सुनना चाहिए और घर में कीर्तन भी करना चाहिए। (Indian Express)
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प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक व्रत रखने वालों को भगवान के नाम की जाप करना चाहिए। उनके अनुसार देवी-देवताओं के नाम में अद्भुत शक्ति होती है जिससे साधक को अपने पापों से भी मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा मानसिक शांति मिलती है। (Indian Express)
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इन नियमों का भी करें पालन
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन तामसिक गतिविधियों और खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। (Indian Express) -
मान्यताओं के अनुसार व्रत रात को 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद खोलना चाहिए। (Indian Express)
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जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के किसी मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहिए। इसके साथ ही सुबह और रात में भगवान कृष्ण का विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। (Indian Express)
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भोग
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन गाय के दूध से बने मक्खन का भोग गाना बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन मालपुए का भोग लगाने की भी सदियों से परंपरा चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार चावल से बनाए गए मालपुए का भोग लगाना चाहिए। (Indian Express) -
पंजीरी
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को पंजीरी का भोग लगाना शुभ माना जाता है और साथ ही दही से बने श्रीखंड का भी भोग लगाया जाता है। (Indian Express)
