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पैनिक अटैक एक अचानक और तनाव या एंग्जाइटी की स्थिति होती है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में महसूस की जा सकती है। पैनिक अटैक बहुत ही डरावने हो सकते हैं। इसके बावजूद ज्यादातर लोग न केवल इन्हें इग्नोर करते हैं, बल्कि इन पर बात करने से भी कतराते हैं।
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लेकिन पैनिक अटैक की पहचान हो जाए तो आसानी से इससे डील किया जा सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं पैनिक अटैक के संकेतों को बारे में जिससे इसी पहचान की जा सकती है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
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सांस लेने में कठिनाई
पैनिक अटैक के दौरान सांसें जल्दी-जल्दी चलने लगती हैं और व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है। वहीं, कुछ लोगों को ऐसा भी लगता है कि गले में कुछ फंस गया है और वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। -
तेज धड़कन
पैनिक अटैक के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जो चिंता और डर को बढ़ा देती है। इस दौरान व्यक्ति अपने दिल की धड़कनों को भी महसूस कर पाता है। -
अत्यधिक पसीना
पैनिक अटैक के दौरान शरीर के विभिन्न हिस्सों से अत्यधिक पसीना आ सकता है, जो असहजता और तनाव का कारण बनता है। इस दौरान व्यक्ति को ऐसा महसूस हो सकता है कि उसकी त्वचा चिपचिपी या ठंडी हो रही है। -
हाथ-पैर का ठंडा या सु्न्न होना
पैनिक अटैक के दौरान हाथ-पैर ठंडे और सुन्न महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को इममें झनझनाहट महसूर होती है, जिससे असहजता बढ़ जाती है। -
चक्कर आना या सिर घूमना
पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को चक्कर आने या सिर घूमने की अनुभूति हो सकती है, जिससे स्थिरता बनाए रखना कठिन हो जाता है। यह लक्षण पैनिक अटैक के दौरान ब्लड प्रेशर में अचानक परिवर्तन के कारण हो सकता है। -
पैनिक अटैक से बचाव के तरीके
एक्सरसाइज – अगर आपको पैनिक अटैक महसूर हो तो फौरन हल्की एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। इससे एंडोर्फिंस हार्मोन रिलीज होने लगता है। -
मेडिटेशन – मेडिटेशन तनाव को कम करने और आराम दिलाने में मदद करने का एक शानदार तरीका है। जब मेडिटेशन करते समय ब्रेन को स्थिर रखा जाता है, तो प्रतिदिन की गतिविधियों के साथ भी पैनिक अटैक को रोक सकती हैं।
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कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी – कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी पैनिक अटैक के इलाज का एक शॉर्ट टर्म मेथड है। इस थेरेपी में लोगों को उनके नकारात्मक विचारों और व्यवहारों को बदलना सिखाया जाता है जो पैनिक अटैक को ट्रिगर करते हैं ताकि वे लक्षणों को कम कर सकें और स्वस्थ तरीके से सामना कर सकें।
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दवाएं – अगर चिंता और मानसिक तनाव से संबंधित लक्षण आपको बहुत परेशान करते हैं तो इस स्थिति में किसी विशेषज्ञ द्वारा दवाओं की सिफारिश की जा सकती है। दवाएं पैनिक अटैक से जुड़े संकट को कम करने में मदद कर सकते हैं। पर कभी भी डॉक्टर से बिना परामर्श लिए दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
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